देश भर के किसानों के लिए खुशखबरी! प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त को लेकर उत्साह चरम पर है। लाखों किसानों को इस किस्त का बेसब्री से इंतजार है, जो उनकी आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगी। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन खबरों की मानें तो यह राशि नवंबर 2025 के पहले हफ्ते में किसानों के खातों में आ सकती है। कुछ राज्यों में यह किस्त पहले ही पहुंच चुकी है। आइए, जानते हैं पूरी डिटेल।
किन राज्यों को मिल चुका है पैसा?पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के किसानों के लिए खुशी की लहर है। इन राज्यों में 21वीं किस्त 26 सितंबर 2025 को ही किसानों के बैंक खातों में जमा कर दी गई थी। वहीं, जम्मू-कश्मीर में लगभग 8.5 लाख किसानों को 7 अक्टूबर 2025 को यह राशि मिल चुकी है। इन राज्यों को प्राकृतिक आपदाओं के कारण पहले भुगतान किया गया, ताकि किसानों को तुरंत राहत मिल सके। बाकी राज्यों के किसान अब अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं।
कब आएगी अगली किस्त?अक्टूबर का महीना बीत चुका है और नवंबर की शुरुआत के साथ ही किसानों में यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि 2,000 रुपये की अगली किस्त कब आएगी। पहले उम्मीद थी कि छठ पूजा के बाद यह राशि जारी हो सकती है, लेकिन अभी तक कोई पक्की घोषणा नहीं हुई है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत सरकार हर साल पात्र किसानों को 6,000 रुपये की आर्थिक मदद देती है। यह राशि तीन बराबर किस्तों में दी जाती है, यानी हर चार महीने में 2,000 रुपये सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं। यह योजना 2019 में शुरू हुई थी, जिसका मकसद किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करना है।
सरकार ने रखी यह शर्तसरकार ने साफ कर दिया है कि 21वीं किस्त सिर्फ उन किसानों को मिलेगी, जिन्होंने अपनी ई-केवाईसी पूरी कर ली है। अगर आपका ई-केवाईसी अभी तक अधूरा है, तो आपकी किस्त अटक सकती है। इसलिए सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी पूरी करें। अब किसान घर बैठे अपनी किस्त की स्थिति चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको pmkisan.gov.in पर जाना होगा। वहां ‘लाभार्थी स्थिति’ सेक्शन में अपना रजिस्ट्रेशन नंबर और कैप्चा कोड डालकर सबमिट करना होगा। कुछ ही सेकंड में सारी जानकारी आपकी स्क्रीन पर होगी।
किसानों के लिए बड़ी राहतअगर सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो नवंबर के पहले हफ्ते में 21वीं किस्त किसानों के खातों में पहुंच सकती है। यह राशि फसलों की बुवाई और खेती से जुड़े कामों में बड़ी मदद करेगी। सरकार का कहना है कि यह योजना न सिर्फ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती दे रही है। किसानों के लिए यह रकम किसी वरदान से कम नहीं है।
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