सेक्स के दौरान दर्द और जलन से बचने के लिए लोग अक्सर लुब्रिकेंट का सहारा लेते हैं। लुब्रिकेंट यानी ऐसी चीज जो घर्षण को कम करे और अनुभव को सहज बनाए। जैसे मशीन को सुचारू रूप से चलाने के लिए तेल या ग्रीस डाला जाता है, वैसे ही सेक्स के दौरान भी लुब्रिकेंट का इस्तेमाल होता है। लेकिन कई लोग इसके लिए नारियल तेल, थूक, पेट्रोलियम जेली या मॉइस्चराइजर जैसी चीजों का उपयोग करते हैं, जो प्राइवेट पार्ट्स के लिए खतरनाक हो सकता है।
तमिलनाडु की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. मंगला लक्ष्मी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर की, जो खूब वायरल हो रही है। उन्होंने बताया कि हर लुब्रिकेंट सुरक्षित नहीं होता, खासकर जब बात हेल्थ, फर्टिलिटी और प्रेग्नेंसी की हो। कई लोग सोचते हैं कि पेट्रोलियम जेली, नारियल तेल, थूक या बॉडी लोशन पूरी तरह सुरक्षित हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। ये चीजें प्राइवेट पार्ट्स के लिए नुकसानदेह हो सकती हैं।
आर्टेमिस हॉस्पिटल्स में ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट की यूनिट हेड डॉ. निधि राजोतिया गोयल ने हमें बताया कि इन चीजों के इस्तेमाल से क्या नुकसान हो सकते हैं और सुरक्षित विकल्प क्या हैं।
नारियल तेल: स्किन के लिए अच्छा, लेकिन लुब्रिकेंट के लिए नहींडॉ. निधि बताती हैं कि नारियल तेल बालों और स्किन के लिए भले ही फायदेमंद हो, लेकिन लुब्रिकेंट के तौर पर इसका इस्तेमाल खतरनाक है। यह लेटेक्स कॉन्डम को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे कॉन्डम फटने का खतरा रहता है और अनचाही प्रेग्नेंसी हो सकती है। नारियल तेल ऑयल-बेस्ड होता है, जो वजाइना के पीएच बैलेंस को बिगाड़ सकता है। पीएच लेवल एक स्केल है, जो यह बताता है कि कोई चीज कितनी एसिडिक या एल्कलाइन है। वजाइना का माहौल हल्का एसिडिक होता है, ताकि हानिकारक बैक्टीरिया न पनपें। लेकिन नारियल तेल इस बैलेंस को बिगाड़ देता है, जिससे फंगल इंफेक्शन, खुजली और जलन हो सकती है। साथ ही, नारियल तेल चिपचिपा होता है, जिसे साफ करना मुश्किल है। इससे बैक्टीरिया बढ़ने का खतरा और भी बढ़ जाता है।
थूक: सबसे ज्यादा असुरक्षित विकल्पकई लोग सेक्स के दौरान थूक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह सबसे ज्यादा असुरक्षित है। थूक में मुंह के बैक्टीरिया और वायरस मौजूद होते हैं, जो वजाइना या पीनस में इंफेक्शन फैला सकते हैं। अगर एक पार्टनर को HIV, हर्पीस या HPV जैसे सेक्स से फैलने वाले रोग हैं, तो ये दूसरे पार्टनर को भी हो सकते हैं।
मुंह के बैक्टीरिया वजाइना के बैक्टीरिया से पूरी तरह अलग होते हैं। जब थूक वजाइना में जाता है, तो यह वजाइना के माइक्रोबायोम को बिगाड़ देता है। इससे गुड और बैड बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे बैक्टीरियल वेजिनोसिस जैसे इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है। इसके लक्षणों में डिस्चार्ज में बदलाव, बदबू, खुजली और जलन शामिल हैं। साथ ही, थूक बहुत जल्दी सूख जाता है, जिससे वजाइना या पीनस में सूखापन आ जाता है। नतीजा? चोट, जलन और इंफेक्शन। इसलिए, थूक को लुब्रिकेंट की तरह इस्तेमाल करना बिल्कुल गलत है।
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