Haryana Rain Alert : हरियाणा में मानसून ने फिर से रफ्तार पकड़ ली है और मौसम विभाग ने 4 सितंबर 2025 को लेकर बड़ा अलर्ट जारी किया है। भारी बारिश और गरज-चमक के साथ तेज हवाओं की संभावना जताई गई है, जिसके चलते कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। यमुना नदी का जलस्तर पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे प्रशासन और लोग दोनों हाई अलर्ट पर हैं। आइए जानते हैं, हरियाणा के किन-किन इलाकों में बारिश का सबसे ज्यादा असर होगा और आपको क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनीमौसम विभाग के मुताबिक, 4 सितंबर को पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला, कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, जींद, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी और झज्जर में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। वहीं, मेवात, पलवल, गुरुग्राम, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में ज्यादातर जगहों पर तेज बारिश की संभावना है। इन इलाकों में पहले से ही भारी बारिश के कारण सड़कें जलमग्न हो चुकी हैं और कई जगहों पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। गुरुग्राम में तो हालात इतने खराब हैं कि दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे तक पानी में डूब गया, जिसके चलते लोगों को घंटों जाम में फंसना पड़ा।
यमुना का बढ़ता जलस्तर, बाढ़ का खतरायमुना नदी का जलस्तर 4 सितंबर को और बढ़ने की आशंका है। दिल्ली में यमुना पहले ही 207.41 मीटर के स्तर को छू चुकी है, जो 1963 के बाद तीसरा सबसे ऊंचा स्तर है। हरियाणा के कई इलाकों में नदियों और नालों का पानी उफान पर है। फरीदाबाद में यमुना के पानी से 50 एकड़ फसल डूब गई है और कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। प्रशासन ने लोगों को नदी के आसपास के इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है। साथ ही, आपदा प्रबंधन टीमें हाई अलर्ट पर हैं और स्कूल-कॉलेजों को 7 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है।
प्रशासन की तैयारियां और सलाहहरियाणा सरकार ने बारिश और बाढ़ के खतरे को देखते हुए कई कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सरकार हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और लोगों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है। आपदा प्रबंधन के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं और प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। गुरुग्राम में वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन कक्षाओं का आदेश जारी किया गया है। मौसम विभाग ने लोगों से सलाह दी है कि वे बारिश के दौरान बाहर निकलने से बचें, खासकर निचले इलाकों में रहने वाले लोग सतर्क रहें।
बारिश का असर: फसल और सड़कों को नुकसानइस बारिश ने हरियाणा में खेती को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया है। अब तक 1,214 गांवों के 52,139 किसानों ने 3.33 लाख एकड़ फसल के नुकसान की शिकायत दर्ज की है। भिवानी, हिसार और रोहतक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। सड़कों की बात करें तो कई हाईवे और रास्ते बंद हो चुके हैं। करनाल में शेरगढ़ टापू का पुल डूब गया, जिससे सहारनपुर से संपर्क टूट गया है। गुरुग्राम में चार अंडरपास बंद कर दिए गए हैं, जिससे यातायात पूरी तरह ठप है।
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