Next Story
Newszop

बांस कपड़ा उत्पादन के लिए एक आदर्श संसाधन : गिरिराज सिंह

Send Push

देहरादून, 21 अप्रैल . केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह ने सोमवार को देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई ) में वस्त्र उद्योग के लिए बांस की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि कि बांस की तीव्र वृद्धि और संवहनीय गुण इसे कपड़ा उत्पादन के लिए एक आदर्श संसाधन के रूप में स्थापित करती है. यह आत्मनिर्भर, हरित अर्थव्यवस्था के सरकार के दृष्टिकोण को साकार करती है.

सोमवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने वन अनुसंधान संस्थान केंद्र का दौरा किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने वन अनुसंधान संस्थान के बोर्डरूम में एक बैठक की अध्यक्षता की. इस मौके पर राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री ने बांस उत्पादन के लिए सभी प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह नौकरियों के सृजन, संवहनीयता और भारत को वैश्विक कपड़ा मानचित्र पर लाने में मद्दगार साबित होगा. इस दौरान उन्होंने भविष्य के कदमों पर भी चर्चा करते हुए कहा कि बांस उत्पादन को बढ़ाना और कपड़ा निर्माताओं के साथ सहयोग के साथ आगे बढ़ना होगा. यह बैठक कपड़ा आपूर्ति श्रृंखला में बांस को एकीकृत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बढ़ते वैश्विक बाजार के लिए पर्यावरण के अनुकूल समाधान है.

बैठक में वन अनुसंधान संस्थान की निदेशक डॉ. रेनू सिंह ने बांस पर अपने शोध के बारे में उपस्थि अधिकारियों को जानकारी देते हुए इसके महत्व पर जोर दिया और इस क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं पर चर्चा की. बैठक में बांस पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के वैज्ञानिकों की ओर से प्रस्तुत की गई, जिसमें घुलनशील ग्रेड पल्प (डीजीपी) के लिए बांस के उन्नत उपयोग और कपड़ा उत्पादन में इसके अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया.

एफआरआई के वैज्ञानिकों की टीम ने घुलनशील ग्रेड पल्प उत्पादन के लिए विभिन्न भारतीय बांस प्रजातियों के अपने अनुसंधान से निष्कर्ष प्रस्तुत किए, जो रेयान और विस्कोस जैसे कपड़ा फाइबर के निर्माण में एक महत्वपूर्ण घटक है. शोध के दौरान प्राप्त निष्कर्ष में नौ में से दो को शीर्ष प्रदर्शन करने वाली प्रजातियों के रूप में पाया गया, जिनमें उच्च अल्फा-सेल्यूलोज सामग्री (52 प्रतिशत से अधिक), राख और सिलिका की कम मात्रा और उत्कृष्ट लुगदी के गुण हैं.

डॉ. रेनू सिंह ने कहा कि यह शोध ग्रामीण आजीविका को बेहतर बनाने के साथ-साथ उच्च मूल्य वाले उद्योगों में बांस के उपयोग का मार्ग प्रशस्त करता है. बैठक में सहयोगी भावना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम एक साथ मिलकर अधिक हरित समृद्ध उद्योग के लिए आधार तैयार कर रहे हैं. बैठक का समापन अनुसंधान को आगे बढ़ाने, उद्योगों की प्रगति में सहयोग करने के वचनबद्धता के साथ हुआ ताकि बांस को फैशन और उससे परे लोकप्रिय बनाया जा सके.

———————-

/ राजेश कुमार

Loving Newspoint? Download the app now