नई दिल्ली, 03 सितंबर (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में राजधानी नई दिल्ली में दो दिवसीय जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक (आज) बुधवार से चल रही है। इस बैठक में जीएसटी सुधार के प्रस्ताव पर फैसलों का ऐलान 04 सितंबर को होगा।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक दो दिवसीय इस बैठक में 33 सदस्यीय समिति आठ वर्ष पुराने जीएसटी कर ढांचे में बड़े बदलावों पर चर्चा कर रहे हैं।
जीएसटी परिषद के सदस्य सरकार के प्रस्तावित मौजूदा करों के चार स्लैब की बजाय 5 फीसदी और 18 फीसदी के दो स्लैब पर विचार-विर्मश कर रहे हैं। वहीं, बैठक में 12 फीसदी और 28 फीसदी के स्लैब को खत्म किया जा सकता है। इसके अलावे एक 40 फीसदी का अतिरिक्त स्लैब भी लाने की तैयारी चल रही है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली मौजूदा 33 सदस्यीय जीएसटी परिषद में कंद्रीय वित्त मंत्री, राजस्व और वित्त के प्रभारी केंद्र एवं राज्यों के मंत्री और राज्यों द्वारा नामित मंत्री इसमें शामिल होते हैं। निर्मला सीतारमण जीएसटी परिषद की प्रमुख हैं। वहीं, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रिसमूह के संयोजक हैं।
जीएसटी में प्रस्तावित सुधार तीन स्तंभों पर आधारित
जीएसटी परिषद के समक्ष प्रस्तुत केंद्र सरकार का जीएसटी सुधार प्रस्ताव तीन स्तंभों पर आधारित है, जिसमें संरचनात्मक सुधार, दरों का युक्तिकरण और जीवन को आसान बनाना शामिल है। संरचनात्मक सुधार, उद्योग जगत में विश्वास पैदा करने और बेहतर व्यावसायिक योजना बनाने में सहायता के लिए दरों और नीति निर्देशों पर दीर्घकालिक स्पष्टता प्रदान करके स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।
जीवन को आसान बनाने से जुड़े वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव में विशेष रूप से छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के लिए निर्बाध, तकनीक-आधारित जीएसटी पंजीकरण शामिल है। इसमें निर्यातकों और उल्टे शुल्क ढांचे वाले लोगों के लिए पहले से भरे हुए जीएसटी रिटर्न और रिफंड की तेज, स्वचालित प्रक्रिया को लागू करने का भी सुझाव दिया गया है।
जीएसटी सुधारों के लिए आठ क्षेत्रों पर दिया जा रहा ध्यान
जीएसटी सुधारों के लिए केंद्र सरकार की रूपरेखा के अनुसार, आठ क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है। इसमें कपड़ा, उर्वरक, नवीकरणीय ऊर्जा, मोटर वाहन, हस्तशिल्प, कृषि, स्वास्थ्य और बीमा के दरों में बदलाव से सबसे अधिक लाभ होगा।
नई टैक्स दरें 22 सितंबर से हो सकती हैं लागू
केंद्र सरकार जीएसटी की नई दरें 22 सितंबर से लागू कर सकती है। सरकार का मकसद नवरात्रि और त्योहारी सीजन में डिमांड और सेल्स को बढ़ावा देना है। जीएसटी परिषद की चल रही बैठक में जीएसटी दरों में बदलावों को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। जानकारी के मुताबिक सरकार अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव और बिक्री की रफ्तार धीमी होने की आशंका से चिंतित है। इसके लिए वह राज्यों के राजस्व हानि से जुड़ी चिंताओं को दूर करने पर भी काम कर रही है।
मंत्रियों के समूह (जीओएम) से मिल चुकी है मंजूरी
पिछले हफ्ते मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने केंद्र सरकार के दो स्लैब वाले जीएसटी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 21 अगस्त को नई दिल्ली में जीओएम की बैठक के बाद बताया था कि समूह ने मौजूदा 12 फीसदी और 28 फीसदी की दरों को हटाकर 5 फीसदी और 18 फीसदी के स्लैब के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।
जीएसटी परिषद के सदस्यों की सूची
केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय के अधिकारी मौजूद हैं। इसके अलावा दिल्ली, गोवा, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, मेघालय और ओडिशा के मुख्यमंत्री, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री, मणिपुर के राज्यपाल, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री, राजस्व विभाग के सचिव, सीबीआईसी के के अध्यक्ष और सदस्य और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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