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यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में छत्तीसगढ़ के पांच युवाओं को मिली सफलता

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रायपुर, 22 अप्रैल . यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम में छत्तीसगढ़ के पांच युवाओं को सफलता मिली है. बिलासपुर की रहने वाली पूर्वा अग्रवाल ने 65वां रैंक , मुंगेली के अर्पण चोपड़ा ने 313वां रैंक हासिल किया है, बस्तर के जगदलपुर की मानसी जैन ने 444वीं रैंक और अंबिकापुर के केशव गर्ग ने 496वीं रैंक हासिल किया है. सरगुजा जिले से 2 उम्मीदवारों का चयन हुआ है. इनमें बतौली निवासी केशव गर्ग व अंबिकापुर के बौरीपारा निवासी शची जायसवाल शामिल हैं. यूपीएससी में चयन होने की सूचना मिलते ही दोनों के घरों में बधाइयां देने वालों का तांता लग गया है.

परिणाम के अनुसार, बिलासपुर की रहने वाली पूर्वा अग्रवाल ने इस बार 65वीं रैंक हासिल की है. इससे पहले वे यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 189वीं रैंक हासिल कर बतौर आईपीएस चयनित हुई थी, उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर मिला था. मूलतः रायगढ़ जिले के खरसिया की निवासी पूर्वा की स्कूली शिक्षा बिलासपुर में हुई. उनके पिता एम.एल. अग्रवाल छत्तीसगढ़ टेक्निकल एजुकेशन में एडिशनल डायरेक्टर हैं और माता इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर हैं. जबकि मुंगेली के अर्पण चोपड़ा ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 313वां रैंक हासिल किया है. अर्पण चोपड़ा मुंगेली नगर पालिका के कांग्रेस पार्षद अभय चोपड़ा के भाई हैं. उन्होंने दिल्ली में रहकर तैयारी की है.

जगदलपुर के निर्मल विद्यालय से पढ़ी मानसी जैन ने यूपीएससी क्रैक की है. उन्होंने 444वीं रैंक हासिल किया है. मानसी जैन ने 2014 में वे एमटेक आईआईटी धनबाद से की, जिसके बाद वे दिल्ली के जीतो संस्था में यूपीएससी की कोचिंग ली. मानसी पिछले साल भी यूपीएससी क्रैक कर चुकी थी, लेकिन यूपीएससी के इंटरव्यू में वे सफल नहीं हुई थी. दूसरे प्रयास में उन्होंने यह सफलता हासिल की है. बस्तर सांसद महेश कश्यप ने ट्वीट कर बस्तर का नाम रोशन करने वाली जगदलपुर निवासी मानसी जैन को बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित की है.

सरगुजा के बतौली निवासी स्व. विनोद गर्ग के पुत्र केशव गर्ग को 496वां रैंक मिला है. केशव गर्ग फिलहाल मैनपुरी में हैं. वहीं अंबिकापुर के बौरीपारा निवासी मोहन जायसवाल की पुत्री शची जायसवाल का भी इसमें चयन हुआ है. उन्हें 654वां रैंक प्राप्त हुआ है. शची इन दिनों दिल्ली में हैं. केशव ने अपनी सफलता से साबित कर दिया कि सीमित संसाधनों में रहकर भी मजबूत रणनीति से यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पास किया जा सकता है.

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/ केशव केदारनाथ शर्मा

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