किश्तवाड, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बादल फटने से प्रभावित किश्तवाड़ जिले में बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की और कहा कि प्राथमिकता उन लोगों का पता लगाना है जो अभी भी लापता हैं और जिनके मलबे में दबे होने की आशंका है।
मंत्री शुक्रवार आधी रात बादल फटने से तबाह हुए चशोती गाँव पहुँचे। उनके साथ जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक नलिन प्रभात भी थे।
जितेंद्र सिंह ने गाँव में संवाददाताओं से कहा कि इस पैमाने की आपदा, कम से कम देश के इस हिस्से में पहले कभी नहीं देखी गई थी और इसने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता उन लोगों का पता लगाना है जो अभी भी लापता हैं। कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। उन्होंने बचावकर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि तमाम बाधाओं के बावजूद वे तुरंत राहत कार्यों में जुट गए।
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक अनोखा अवसर है जहाँ प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ खराब मौसम या दुर्गम भूभाग जैसी प्राकृतिक बाधाएँ भी जुड़ी हुई हैं। उदाहरण के लिए बचाव हेलीकॉप्टर यहाँ नहीं पहुँच सके। दो बचाव हेलीकॉप्टर उधमपुर में मौसम के सुधरने का इंतज़ार कर रहे हैं।
इसके बावजूद बचाव कार्यों के लिए सभी उपकरण रातोंरात यहाँ पहुँचा दिए गए और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस जीवित बचे लोगों की तलाश कर रही है।
14 अगस्त को दोपहर लगभग 12.25 बजे मचैल माता मंदिर के रास्ते में पड़ने वाले आखिरी गाँव चशोती में आई आपदा में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं और 100 से ज़्यादा घायल हो गए हैं। इस आपदा में एक अस्थायी बाज़ार, तीर्थयात्रियों के लिए बने सामुदायिक रसोई स्थल और एक सुरक्षा चौकी तबाह हो गई।
इस अचानक आई बाढ़ में कम से कम 16 रिहायशी घर और सरकारी इमारतें, तीन मंदिर, चार पनचक्की, एक 30 मीटर लंबा पुल और एक दर्जन से ज़्यादा वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पुलिस प्रमुख बचाव अभियान की निगरानी के लिए इलाके में डेरा डाले हुए हैं और सीमा सड़क संगठन भी सक्रिय हो गया है क्योंकि वह अपने विशेष उपकरणों से मलबा और कीचड़ हटाने में मददगार हो सकते हैं।
बादल फटने के पीड़ितों के लिए राहत पैकेज के बारे में पूछे जाने पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ठोस कदम उठाए हैं और बैठकें बुलाई हैं। शुक्रवार को उन्हें विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी बात की है।
प्रधानमंत्री मोदी या गृह मंत्री अमित शाह के संभावित दौरे के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वीवीआईपी दौरे के लिए परिस्थितियाँ बहुत अनुकूल नहीं हैं। हम सभी यहाँ हैं, सभी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
उन्होंने कहा कि 2014 से पहले गाँव में कोई कनेक्टिविटी, बिजली, मोबाइल टावर या शौचालय की सुविधा भी नहीं थी। यह सब पिछले कुछ वर्षों में बनाया गया है जिससे इस मचैल माता मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है और यह सब कुछ ही सेकंड में नष्ट हो गया।
(Udaipur Kiran) / बलवान सिंह
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