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उत्तराखंड विधानसभा का सत्र दिनभर रहा हंगामेदार, सरकार ने निपटाया विधायी कार्य

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– कांग्रेस विधायकों का सदन में धरना जारी- मुख्यमंत्री ने की विपक्षी नेताओं से फ़ोन पर बात, धरना समाप्त करने की अपील-उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता(संशोधन) और अल्प संख्यक शिक्षा विधेयक सहित कुल 09 विधेयक पेश

गैरसैंण(भराड़ीसैंण), 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । विधानसभा सभा मानसून सत्र का पहला दिन पूरी तरह विपक्ष के हंगामें के बीच चलता रहा। विपक्षी विधायकों के कानून व्यवस्था और पंचायत चुनाव पर चर्चा की मांग को लेकर सख्त तेवर के बीच सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा। हंगामे के बीच सरकार ने विधायी कार्य को निपटाया। आज उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, उत्तराखंड अल्प संख्यक शिक्षा विधेयक सहित कुल 09 विधेयक को सदन के पटल रखा गया। इसी के साथ सदन बुधवार तक लिए स्थगित कर दिया गया। सदन स्थगित होने के बाद बावजूद विपक्ष देर शाम तक धरने पर बैठा रहा।

सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्ष विधायकों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच सदन में कांग्रेस नेताओं ने टेबल तक पलट दी। सदन को 11.20 मिनट,11.30 बजे, 11.40, 11.50, 12 बजे और 12.20 तक स्थगित करना पड़ा। सदन की कार्यवाही 12. 20 मिनट पर शुरू हुई और 01.25 बजे तक पूर्व विधायक मुन्नी देवी को सदन में श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद भोजनावकाश के लिए सदन 03 बजे तक स्थगित रहा। सदन की कार्यवाही 03 बजे शुरू हुई और शोर शराबे के बीच सरकार ने 08 विधेयक को पास किया गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही 3.20 बजे स्थगित हुई और 04 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई। मंगलवार शाम चार बजे के करीब विपक्ष के हंगामे के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सदन के पटल पर अनुपूरक बजट रखा। इसी के साथ सदन की कार्यवाही बुधवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र स्थगित होने के बाद से कांग्रेस विधायक सदन में धरना परबैठे रहे।

वहीं कांग्रेस विधायक विधानसभा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे लेकिन वार्ता बेनतीजा रही। समाचार लिखे जाने तक कांग्रेस विधायक सदन के भीतर देर शाम तक धरने पर बैठे रहे।

कानून व्यवस्था पर कांग्रेस के विरोध के चलते सदन दिन भर व्यवस्थित रूप से नहीं चल पाया। सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्षी नेताओं ने सचिव की टेबल पलटी और माइक तोड दिया। इस अग्रिम पंक्ति के टेबल का माइक काम करना बंद कर दिया। मुख्यमंत्री,नेता प्रतिपक्ष, संसदीय कार्य मंत्री सहित कई विधायकों के माइक काम नहीं कर रहे थे। कांग्रेस विधायकों ने वेल में कागज भी लहराए। विधानसभा अध्यक्ष ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ये बेहद दुखद है।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतू खंडूडी भूषण ने कहा कि नैनीताल पंचायत चुनाव का मामला न्यायालय में है। इस कारण इस पर चर्चा करना नियम संगत नहीं है। 310 नोटिस को स्वीकार नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि सदन में विपक्ष के रवैये पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि जनता की कमाई का पैसा है। आक्रोश गुस्सा होना ठीक है लेकिन तोड़फोड़ सही कदम नहीं है। व्यवहार की चिंता करनी चाहिए। कोई प्रोपर्टी टूटती है तो बहुत दुःख होता है। अभी कोई कार्रवाई किसी पर नहीं की गई है। सरकार जवाब दिया गया है।

प्रभारी संसदीय कार्य मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कार्य संचालन नियमावली के अनुसार यदि कोई मामला न्यायालय में विचाराधीन हैं तो उस पर सदन में चर्चा नहीं होगी। विपक्ष ने पंचायत चुनाव को लेकर जो नोटिस दिया था वह विषय नैनीताल हाईकोर्ट में चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के विरोध पर कहा कि सदन में बहस और जनहित के विषयों पर चर्चा होनी चाहिए। सरकार उसके पक्षधर है। सदन में विपक्ष ने जिस तरह से कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई हैं, वह पूरा देश देख रहा है। पूरे देश में कांग्रेस पार्टी की ये परंपरा बन गई है कि जहां भी हारते हैं वहां ये ईवीएम कभी चुनाव आयोग, प्रशासन, सरकार को दोष देते हैं।

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि हमारी मांग स्पष्ट है कि सरकार स्थगन प्रस्ताव लाए और जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती हमारा विरोध जारी रहेगा। हमने विनम्रता से विधानसभा अध्यक्ष अनुरोध किया था 310 में इस पर चर्चा कराई जाए जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया।

मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य एवं वरिष्ठ कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह से फोन पर बातचीत कर उनकी मांगों को लेकर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी जो भी मांगें हैं, उन पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने दोनों नेताओं से धरना समाप्त करने और विधायक आवास पर लौटने की अपील की।

ये विधेयक हुए पेश:

-उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2025

– उत्तराखंड अल्प संख्यक शिक्षा विधेयक 2025

-उत्तराखंड साक्षी संरक्षण (निरसन) विधेयक 2025

– उत्तराखंड समान नागरिकता (संशोधन) विधेयक

– लोकतंत्र सेनानियों की सुविधाएं बढ़ाने से संबंधित विधेयक 2025

-उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक

-उत्तराखण्ड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2025

-उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश श्री बद्रीनाथ और श्री केदारनाथ मन्दिर अधिनियम, 1939) (संशोधन) विधेयक, 2025

– अनुपूरक विधेयक

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(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार

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