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काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने सार्वजनिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए ओपन जिम का मॉडल प्रस्तुत किया

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_जिम ने लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाए, हालिया शोध में हुआ खुलासा

वाराणसी,29 मई (हि,स,). काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने स्वास्थ्य और शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. परिसर में चार ओपन जिम की स्थापना कर विश्वविद्यालय प्रशासन ने न केवल विद्यार्थियों और कर्मचारियों बल्कि आम नागरिकों के लिए भी स्वस्थ जीवन शैली का मार्ग प्रशस्त किया है.

हाल ही में बीएचयू के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक मिश्र विधि अध्ययन में यह बात सामने आई कि ये ओपन जिम न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हैं, बल्कि सामाजिक जुड़ाव, सामुदायिक स्वास्थ्य और पर्यावरण जागरूकता को भी बढ़ावा देते हैं. यह अध्ययन जर्नल ऑफ हेल्थ, पॉपुलेशन एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित हुआ है. शोध टीम में महिला महाविद्यालय की प्रो. ललिता वत्ता, डॉ. नेहा राठी, तथा उपासना पाण्डेय, आंचल पाण्डेय एवं विंदेश्वरी येलम शामिल रहे.

शोध के प्रमुख निष्कर्ष

प्रोफेसर ललिता के अनुसार ओ जी -सी नामक जिम को चार माह की अवधि में सबसे अधिक 3,384 उपयोगकर्ता मिले. OG-D और OG-B भी काफी लोकप्रिय रहे. इन जिमों का उपयोग विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक, कर्मचारी और आसपास के नागरिक करते हैं. इसमें शामिल प्रतिभागियों ने वजन कम होना, मानसिक तनाव में कमी, मधुमेह नियंत्रण, हड्डियों के दर्द में राहत जैसे लाभ बताए. प्राकृतिक वातावरण ने मानसिक ऊर्जा और प्रेरणा को भी बढ़ाया.

सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव: जिम न केवल व्यायाम का स्थान हैं, बल्कि सामाजिक मेल-जोल और मानसिक भलाई के केंद्र भी बन गए हैं.

भारत के लिए एक मॉडल

भारत में 34 फीसद लोगों में शारीरिक निष्क्रियता की दर दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है. ऐसे में बीएचयू का यह मॉडल एक व्यवहारिक, टिकाऊ और समाजहितकारी उपाय के रूप में उभरता है, जिसे देशभर के विश्वविद्यालयों में अपनाया जा सकता है.

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/ श्रीधर त्रिपाठी

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