मंदसौर, 22 अप्रैल . जिले के गरोठ के रहने वाले ऋषभ चौधरी ने यूपीएसएसी परीक्षा में 28वी रैंक हासिल की है. ऋषभ यह उपलब्धि प्राप्त करने वाले गरोठ नगर के दूसरे छात्र हैं. ऋषभ से पहले उन्हीं के चाचा के बेटे अभिनव चौधरी ने साल 2020 में 238वी रैंक हासिल की थी. अभिनव चौधरी फिलहाल महाराष्ट्र के पुणे में डिफेंस आडिट में डिप्टी डायरेक्टर के रूप में कार्यरत है.
27 वर्षीय ऋषभ चौधरी ने बतायां कि वह किताब और इंटरनेट का सहारा लेकर घर में ही रोजाना 8 घंटे पढ़ाई करते थे, पहले अटेंप्ट में 2022 में उनका प्रिलिम्स क्लियर नहीं हुआ वहीं दूसरे चरण में 2023 की मुख्य परीक्षा में असफल हो गए. जिसके बाद उन्होंने खूब मेहनत की ओर साल 2024 में तीसरी बार प्रयास करने पर उन्हें यह सफलता हाथ लगी है. ऋषभ के पिताजी मनोज चौधरी का निधन 2023 में चुका है, परिवार का ट्रांसपोर्ट और बीमा का व्यवसाय है. ऋषभ की इस ऊंचाई को देख परिवार के साथ क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. ऋषभ चौधरी ने अपने चाचा के बेटे अभिनव चौधरी से प्रेरणा हासिल कर और बिना कोचिंग के घर पर अध्ययन कर यूपीएसएसी परीक्षा में 28वीं रैंक हासिल की है.
वहीं मंदसौर नगर निवासी के जनता कॉलोनी के रहवासी भटनागर परिवार नरेंद्र कमल भटनागर के पुत्र युगांश भटनागर ने भी यूपीएसएसी परिक्षा में सफलता प्राप्त की है. युगांश भटनाकर की 307वी रैंक बनी है. युगांश के पिता सहायक पेंशन अधिकारी है. माताजी शिक्षा विभाग में रेवासदेवड़ा संकुल में शिक्षिका के पद पर पदस्थ थी कोराना के दौरान उनका दुख: द निधन हो गया था. युगांश के पिता ने बताया कि परिवार को जिस क्षण का इंतजार था वह आया है परिवार में खुशियों का माहौल है. युगांश ने इसके लिए बहुत मेहनत की थी.
—————
/ अशोक झलोया
You may also like
भारत की 9 खतरनाक धार्मिक यात्राएं, जहां हर कदम पर है खतरा, फिर भी हर साल पहुंचते हैं लाखों श्रद्धालु ι
इन 3 राशि की लड़कियां शादी के लिए है परफेक्ट, शादी करते ही खुल जाएंगे किस्मत के दरवाजे ι
इन आठ निशान में कोई एक भी है आपकी हथेली पर तो चमक जाएगी किस्मत ι
1 मार्च से इन 5 राशियों को मिलने वाला है दौलत और शोहरत का असीम वरदान, सूर्य-शुक्र के शुभ योग से बैठेगी ऐसी ताल जो बना देगी इनको मालामाल! ι
मंदसौर में मुस्लिम मिस्त्री ने शिवलिंग की स्थापना में दिखाई अद्भुत सूझबूझ