शिमला, 23 मई . जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए अब लोगों विशेषकर विदेशियों को नगर निगम शिमला के दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. शिमला नगर निगम ने एक बड़ी पहल करते हुए वर्ष 1870 से 2015 तक के सभी जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों का रिकॉर्ड ऑनलाइन कर दिया है. अब देश-विदेश में रहने वाले लोग भी घर बैठे एक क्लिक पर अपना प्रमाणपत्र डाउनलोड कर सकेंगे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस डिजिटल सेवा का जल्द ही विधिवत शुभारंभ करेंगे.
ब्रिटिशकाल से अब तक का रिकॉर्ड डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध
शिमला नगर निगम देश के सबसे पुराने नगर निगमों में से एक है. ब्रिटिशकाल के दौरान शिमला भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी रहा जहां बड़ी संख्या में अंग्रेज अधिकारी और उनके परिवार निवास करते थे. नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि नगर निगम के पास वर्ष 1870 से लेकर अब तक के जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों का विस्तृत रिकॉर्ड है. अब इस ऐतिहासिक दस्तावेज को डिजिटाइज कर आम लोगों के लिए ऑनलाइन कर दिया गया है.
फिलहाल निगम के पास 2,37,741 जन्म प्रमाणपत्र और 73,940 मृत्यु प्रमाणपत्रों का डेटा उपलब्ध है यानी कुल 3,11,681 रिकॉर्ड अब डिजिटल रूप में सेव हो चुके हैं.
ऑनलाइन सेवा से देश-विदेश के लोग होंगे लाभान्वित
खास बात यह है कि इस सेवा से न केवल हिमाचल प्रदेश या भारत में रहने वाले लोग लाभान्वित होंगे बल्कि विदेशों में बसे भारतीय या विदेशी नागरिक भी इसका लाभ उठा सकेंगे. ऐसे में आजादी से पहले शिमला में निवास करने वाले अंग्रेजों और अन्य विदेशियों के परिजन अब अपने पूर्वजों के जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए शिमला आने को मजबूर नहीं होंगे. अब यह काम इंटरनेट के माध्यम से कुछ ही मिनटों में हो जाएगा.
91वें जन्मदिन पर मिला अनमोल तोहफा
हाल ही में इंग्लैंड के हैंपशायर निवासी ऑस्कर तोश बने हैं. ऑस्कर अपने दादा मेलकम तोश को उनके 91वें जन्मदिन पर एक खास तोहफा देना चाहते थे. मेलकम तोश का जन्म 14 मई 1934 को शिमला में हुआ था. उनके पिता ब्रिटिश काल में शिमला में एक फैक्टरी चलाते थे और परिवार कुछ वर्षों तक यहां रहा.
मेलकम ने अपने पोते को बताया था कि उनका जन्म शिमला में हुआ था. इस बात से प्रेरित होकर ऑस्कर हजारों किलोमीटर की यात्रा कर शिमला पहुंचे. बीते मंगलवार शाम करीब 4 बजे नगर निगम दफ्तर पहुंचकर ऑस्कर ने अपने दादा का जन्म रिकॉर्ड मांगा. स्वास्थ्य शाखा के कर्मचारियों ने रिकॉर्ड से मेलकम का विवरण निकाला और कुछ ही देर में उन्हें जन्म प्रमाणपत्र सौंप दिया गया. ऑस्कर ने इसे अपने दादा को 91वें जन्मदिन पर तोहफे के रूप में भेंट किया.
हर साल आते हैं सैकड़ों विदेशी पुराना रिकॉर्ड लेने
नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार हर साल अमेरिका, इंग्लैंड जैसे देशों से कई लोग अपने पूर्वजों के जन्म या मृत्यु प्रमाणपत्र लेने शिमला आते हैं. ये दस्तावेज उनके लिए न केवल भावनात्मक महत्व रखते हैं, बल्कि कई बार वीजा, नागरिकता या पारिवारिक इतिहास संकलन जैसे कामों में भी काम आते हैं. कुछ दिन पहले अमेरिका से आई महिला रोज ने भी अपने पूर्वजों का प्रमाणपत्र निगम से प्राप्त किया था.
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/ उज्जवल शर्मा
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