कहा-स्वदेशी उत्पादों के निर्माण एवं बिक्री को ज्यादा सुविधा देने की अपील का होगा व्यापक असर
नई दिल्ली, 28 मई . भाजपा सांसद और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विदेशी उत्पादों से परहेज करने की अपील का समर्थन और स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति उनके अटूट संकल्प को दर्शाती है. एक ऐसा भारत, जहां देशवासी स्वयं के बनाए उत्पादों का निर्माण, उपभोग और निर्यात करें.
चांदनी चौक से भाजपा के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह अपील न केवल अर्थव्यवस्था से जुड़ी है, बल्कि यह आत्म-सम्मान, आर्थिक स्वतंत्रता और हमारे देश के स्थानीय उत्पादकों एवं व्यापारियों के सशक्तिकरण का आह्वान है. उनकी अपील को कारगर बनाने के लिए जरूरी है कि व्यापारियों एवं निर्माताओं को ईज ऑफ डूइंग बिजनेस विजन के तहत सिंगल विंडो व्यवस्था उपलब्ध कराई जाए, जिससे उनकी विभिन्न विभागों से संबंधित विषयों का एक ही स्थान पर हल हो सके. साथ ही कर एवं अन्य कानूनों एवं नियमों के पालन का बोझ भी कम से कम हो तथा इसके साथ ही आम उपयोग में आने वाली वस्तुएं जो विदेश से आती हैं, उन पर ड्यूटी का अधिभार ज्यादा हो. इससे उनका आयात कम होगा और भारतीय सामान का निर्माण एवं उपयोग अधिक हो सकेगा.
कैट महामंत्री यह भी कहा कि प्रधानमंत्री की अपील का मूल भाव यह है कि भारतीय उत्पादों के ही उपयोग की श्रृंखला को शुरू करने हेतु हम कम से कम रोजमर्रा की जरूरतों के लिए स्वदेशी उत्पादों का ही उपयोग करें, जिससे इस दिशा में एक सशक्त कदम तो बढ़े. अभी कुछ वस्तुओं के निर्माण हेतु हमें विदेशी निर्यात पर निर्भर रहना पड़ता है, ऐसी वस्तुओं के स्वदेशी निर्माण के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएं. खंडेलवाल ने यह भी कहा की ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा विदेशी सामान बेचा जा रहा है, उन पर भी कढ़ाई से लगाम कसी जाए.
खंडेलवाल ने कहा कि यह अपील छोटे व्यापारियों, लघु उद्योग और विनिर्माताओं की भावना से पूरी तरह मेल खाती है, जो वास्तव में भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. हर विदेशी उत्पाद जिसे हम देशी विकल्प से बदलते हैं, वह हमारे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है, रोजगार पैदा करता है और आयात पर हमारी निर्भरता को कम करता है. उन्होंने कहा कि यह एक निर्णायक क्षण है.
भाजपा सांसद ने जोर देते हुए कहा कि मौजूदा वैश्विक परिप्रेक्ष्य में, जब आपूर्ति श्रृंखलाएं बदल रही हैं और देश विश्वसनीय साझेदारों की तलाश में हैं. भारत को इस अवसर का लाभ उठाते हुए वैश्विक विनिर्माण और सेवा केंद्र बनने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए . हमें अब ‘स्वदेशी’ को केवल भावना नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय आर्थिक रणनीति बनाना होगा.
उन्होंने उपभोक्ताओं से आह्वान किया कि वे सोच-समझकर खरीदारी करें और दैनिक आवश्यकताओं, इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान, खिलौने, फर्नीचर से लेकर डिजिटल सेवाओं तक, हर क्षेत्र में भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता दें. इसके साथ ही उन्होंने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स, रिटेलर्स और कॉर्पोरेट्स से आग्रह किया कि वे अपने प्लेटफ़ॉर्म और दुकानों पर भारतीय उत्पादों को प्रमुखता दी जाए.
खंडेलवाल ने कहा यदि घरेलू मांग विदेशी उत्पादों से हटकर भारतीय उत्पादों की ओर मुड़ती है तो एमएसएमई और स्थानीय विनिर्माताओं को बड़ा लाभ मिलेगा. अब समय आ गया है कि भारतीय उपभोक्ता ‘वोकल फॉर लोकल’ के ब्रांड एंबेसडर बनें. इसके लिए सरकार को भी नीति समर्थन, सरकारी खरीद में प्राथमिकता और प्रोत्साहन देना चाहिए, ताकि देश में उत्पादन को बढ़ावा मिले. उन्होंने कहा कि यह एक निर्णायक क्षण है. यदि हर भारतीय यह संकल्प ले कि वह केवल भारतीय उत्पाद ही खरीदेगा तो हम जमीनी स्तर से एक नई आर्थिक क्रांति की पटकथा लिख सकते हैं.
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/ प्रजेश शंकर
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