रायपुर, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . छत्तीसगढ़ की राजधानी स्थित नवा रायपुर अटल नगर में देश के प्रथम डिजिटल संग्रहालय का लोकार्पण शीघ्र ही होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों से एक नवंबर को राज्योत्सव के अवसर पर इस संग्रहालय का लोकार्पण होगा. आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, नवा रायपुर के परिसर में निर्मित शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय के लोकार्पण के मद्देनजर आज बुधवार को संचालक, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार दीपाली मासिरकर द्वारा संग्रहालय के लोकार्पण की तैयारियों का निरीक्षण किया. इस मौके पर आयुक्त डॉ. सरांश मित्तर, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की संचालक हिना अनिमेष नेताम सहित निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की संचालक दीपाली मासिरकर ने डिजिटलीकरण के लाईट व्यवस्था, सेल्फी प्वाइंट इत्यादि कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए. उन्होंने प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा के साथ मुलाकात कर संग्राहलय के लोकर्पण के लिए सभी इंतजाम के संबंध में जानकारी ली. गौरतलब है कि यह संग्रहालय नई पीढ़ियों को आदिवासियों के स्वतंत्रता विद्रोह की याद दिलाता रहेगा. यह ना सिर्फ आदिवासी वर्गों के लिए बल्कि देश-विदेश के लोगों के लिए भी प्रेरणास्पद होगा.
इस संग्रहालय में डिजिटल माध्यम से आदिवासी समाज के विद्रोहों और उनके नायकों की गाथा की प्रस्तुति संग्रहालय का विशेष आकर्षण रहेगी. पूरे संग्रहालय परिसर को सर्वसुविधायुक्त बनाया जा रहा है. संग्रहालय छत्तीसगढ़ में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक गौरव गाथा, शौर्य और बलिदान का प्रतीक है. इस संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए 14 आदिवासी विद्रोहों एवं 02 सत्याग्रह- जंगल सत्याग्रह एवं झंडा सत्याग्रह की जीवंत झलक देखने और सुनने को मिलेगी. संग्रहालय के लोकार्पण के लिए साज-सज्जा का कार्य अंतिम चरण में है. भारत सरकार के केन्द्रीय जनजाति मंत्रालय के अधिकारियों ने आज इस संग्रहालय का अवलोकन कर इसकी भव्यता और जीवंत प्रस्तुति की सराहना की.
संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर सरगुजा के कलाकारों द्वारा बनाए गए बेहद खूबसूरत नक्काशीदार पैनल लगाए गए हैं. वहीं मुख्य द्वार पर अंदर प्रवेश करते ही लगभग 1400 वर्ष पुराने साल-महुआ एवं साजा वृक्ष की प्रतिकृति बनाई जा गई है, इसकी पत्तियों पर सभी 14 विद्रोहों का जीवंत वर्णन डिजिटल रूप में किया गया है.
शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के समय छत्तीसगढ़ में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों जैसे- हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह एवं जंगल सत्याग्रह के वीर आदिवासी नायकों के संघर्ष एवं शौर्य के दृश्य का जीवंत प्रदर्शन 14 गैलेरियों में किया जा रहा है. वहीं जंगल सत्याग्रह और झंडा सत्याग्रह पर एक-एक गैलेरियों का भी निर्माण किया जा रहा है.
—————
(Udaipur Kiran) / चन्द्र नारायण शुक्ल
You may also like
इन 10 तरीकों से लेती हैं आपकी गर्लफ्रेंड आपका टेस्ट नंबर` 7 में तो हर लड़का हो जाता है फेल
गाय के गोबर से हर साल 60 लाख रु कमा रहा` किसान का बेटा नौकरी छोड़कर शुरू किया अनोखा बिजनेस
कभी महीने के 800 रु कमाने वाली नीता कैसे बनी अंबानी` परिवार की बहू? इस शर्त पर हुई थी शादी
पराई औरत के लिए बीवी को छोड़ा पत्नी की लग गई` 2 करोड़ की लॉटरी फिर जो हुआ आप सोच भी नहीं सकते
भारत के इन रहस्यमयी शहरों में आज भी होता है तंत्र-मंत्र` और काला जादू जानिए कौन-कौन सी जगहें हैं सबसे खतरनाक