-सजायाफ्ता आरोपित की रिहाई का निर्देश
प्रयागराज, 20 अगस्त (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जिला कारागार संत कबीर नगर के जेल अधीक्षक को व्यक्तिगत हलफनामा के साथ 26 अगस्त को तलब किया है। इन पर अभियुक्त की रिहाई आदेश की अवहेलना करने का आरोप है।
कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि जिला न्यायालय यह सुनिश्चित करें कि अपीलार्थी को तत्काल प्रभाव से जेल से रिहा किया जाए। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की एकल पीठ ने जितेंद्र की आपराधिक अपील पर दिया।
संतकबीरनगर के धनघटा थाने में अपीलकर्ता के खिलाफ दुष्कर्म व पॉक्सो के आरोप में एफआईआर दर्ज किया गया था। ट्रायल कोर्ट ने 24 अगस्त 2024 को आरोपित को दोषी करार देते हुए 12 साल की सजा सुनाई। इस सजा के खिलाफ जितेंद्र ने हाईकोर्ट में आपराधिक अपील दाखिल की।
अपीलकर्ता के अधिवक्ता ने सजा को निलंबित करते हुए जमानत देने की प्रार्थना की। उनकी दलील थी कि अपीलकर्ता को ट्रायल कोर्ट से जमानत मिली थी और उसने ट्रायल में पूरा सहयोग किया था। उसके फरार होने की कोई संभावना नहीं है। कोर्ट ने दलीलों को सुनने के बाद 17 जुलाई 2025 के आदेश से सजा को निलंबित कर दिया और रिहाई का आदेश पारित किया था। उक्त आदेश के उपरांत 8 अगस्त 2025 को संतकबीरनगर के जेल अधीक्षक ने आदेश में धाराओं की त्रुटि का हवाला देते हुए अपीलकर्ता को रिहा करने से इन्कार कर दिया।
कोर्ट ने पाया कि जिला अदालत के 24 अगस्त 2024 के आदेश और हाईकोर्ट के 17 जुलाई 2025 के आदेश में मुकदमा अपराध संख्या एवं सभी धारायें बिलकुल सही लिखी गयी हैं। ऐसे में जेल अधीक्षक के आपत्ति का कोई औचित्य नहीं।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे
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