बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से एक चौंकाने वाली और शर्मनाक घटना सामने आई है, जिसने न केवल शिक्षा व्यवस्था बल्कि सामाजिक समरसता और महिला सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले के बोचहां प्रखंड स्थित लोहसरी मिडिल स्कूल की प्रिंसिपल प्रियंका प्रियदर्शिनी पर स्कूल परिसर में ही जानलेवा हमला किया गया। आरोप है कि स्कूल की एक शिक्षिका और उसके सेना से रिटायर्ड पति ने मिलकर न सिर्फ कैंसर पीड़ित महिला प्रिंसिपल की बेरहमी से पिटाई की, बल्कि गला दबाकर हत्या का प्रयास भी किया।
क्या है मामला?घटना बुधवार की दोपहर की है। लोहसरी मिडिल स्कूल की प्रिंसिपल प्रियंका प्रियदर्शिनी, जो महादलित समुदाय से आती हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं, ने अपनी स्कूल की ही शिक्षिका पल्लवी कुमारी की शिकायत वरीय अधिकारियों से कर दी थी। शिकायत स्कूल संचालन में सहयोग न करने को लेकर की गई थी। यह बात पल्लवी कुमारी को नागवार गुज़री और वह अपने पति रंजीत सिंह उर्फ कुणाल कुमार के साथ स्कूल पहुंची। कुणाल कुमार सेना से सेवानिवृत्त हैं।
स्कूल पहुंचकर दोनों ने प्रिंसिपल के कक्ष में घुसकर पहले उनसे बहस की, फिर जातिसूचक गालियां दीं और अंततः उन पर हमला कर दिया। प्रिंसिपल का गला दबाया गया और उन्हें बुरी तरह पीटा गया। पीड़िता के मुताबिक, आरोपियों ने कहा कि "उन्हें ऊंची जाति बहुल गांव में एक महादलित महिला को प्रिंसिपल के तौर पर काम नहीं करने दिया जाएगा।"
मौके पर पहुंची पुलिस से भी की बदसलूकीहमले की जानकारी मिलते ही प्रिंसिपल ने डायल 112 और गरहां थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस के पहुंचने पर भी स्थिति नहीं सुधरी। आरोपियों ने पुलिस टीम से भी नोकझोंक और बदसलूकी की। यह देख पुलिस ने वायरलेस पर संदेश भेजा, जिसके बाद थाना अध्यक्ष आशीष कुमार ठाकुर और बड़ी संख्या में पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचे। उनके आते ही आरोपी शिक्षक दंपति और उनके अन्य सहयोगी मौके से फरार हो गए।
पीड़िता अस्पताल में भर्ती, प्राथमिकी दर्जघायल प्रिंसिपल प्रियंका प्रियदर्शिनी को एसकेएमसीएच अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। उन्होंने गरहां थाने में अपनी लिखित शिकायत दी है। वहीं, इस घटना को लेकर पुलिस अधिकारी विजय नारायण पाल की ओर से भी एक अलग एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें आरोपियों पर पुलिस कार्य में बाधा डालने, दुर्व्यवहार और सरकारी कामकाज में रुकावट का आरोप है।
क्या बोले थाना अध्यक्ष?गरहां थाना अध्यक्ष आशीष कुमार ठाकुर ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर शिक्षिका पल्लवी कुमारी, उनके पति कुणाल कुमार और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ जानलेवा हमला, जाति आधारित दुर्व्यवहार, मारपीट, और सरकारी कार्य में बाधा के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। फिलहाल सभी आरोपी फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
सामाजिक और प्रशासनिक सवालइस घटना ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था और महिला शिक्षकों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े कर दिए हैं। एक कैंसर पीड़ित महिला, जो कि महादलित समुदाय से आती हैं, को महज इसलिए शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्होंने विद्यालय में अनुशासन और सहयोग की मांग की। जातीय भेदभाव और पितृसत्तात्मक मानसिकता का यह कड़वा उदाहरण समाज को सोचने पर मजबूर करता है।
निष्कर्षमुजफ्फरपुर की यह घटना केवल एक स्कूल में घटित हुई हिंसा भर नहीं है, यह उन कई मामलों की प्रतिनिधि है जहां दलितों, महिलाओं और ईमानदार अधिकारियों को जाति और पद के आधार पर निशाना बनाया जाता है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है और क्या पीड़िता को समय पर न्याय मिल पाता है। समाज और सरकार दोनों के लिए यह एक चेतावनी है कि ऐसे मामलों में सख्त और त्वरित कार्रवाई न की गई, तो यह प्रवृत्ति विकराल रूप ले सकती है।