पुलिस केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने वाली संस्था ही नहीं है, बल्कि संवेदनशीलता और मानवता की मिसाल भी हो सकती है। इसका जीवंत उदाहरण बुधवार को मझगवां थाना पुलिस ने पेश किया, जब उन्होंने बिहार से भटकी एक महिला और उसके मासूम बेटे को सकुशल उनके परिजनों से मिलवाया।
सूत्रों ने बताया कि महिला अपने छोटे बेटे के साथ किसी कारणवश रास्ता भटक गई थी और अलग शहर में पहुंच गई। बच्चे की उम्र और महिला की असहाय स्थिति को देखते हुए यह मामला गंभीर हो गया था। स्थानीय लोगों ने महिला और बच्चे को देखकर तुरंत मझगवां थाना पुलिस को सूचित किया।
पुलिस के अधिकारी ने बताया कि महिला और बच्चे को देखकर उन्होंने तुरंत प्राथमिक जाँच शुरू की। महिला की पहचान और उसके परिजनों का पता लगाने के लिए थाना टीम ने सभी उपलब्ध दस्तावेज और मोबाइल नंबर की मदद ली। टीम ने हर संभव प्रयास किया कि महिला और बच्चा सुरक्षित रहकर अपने परिवार से मिल सके।
महिला ने पुलिस को बताया कि वह बिहार से किसी पारिवारिक समस्या के कारण निकली थी, लेकिन रास्ता भटक जाने के कारण खुद को असहाय महसूस कर रही थी। बच्चे की सुरक्षा और उसका मानसिक तनाव देखकर पुलिस ने प्राथमिक तौर पर खाना, पानी और स्वास्थ्य संबंधी मदद मुहैया कराई।
थाना प्रभारी ने कहा कि इस मामले में पुलिस का मकसद केवल कानून लागू करना नहीं, बल्कि जरूरतमंद नागरिकों को मदद पहुँचाना और उन्हें उनके परिवार से मिलवाना भी था। उन्होंने बताया कि महिला और बच्चे को उनके परिजनों तक पहुँचाने के लिए टीम ने पूरे दिन प्रयास किया और आखिरकार उन्हें सकुशल परिवार के हवाले किया।
स्थानीय लोगों ने पुलिस की इस संवेदनशील पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस घटना ने दिखाया कि पुलिस सिर्फ अपराध रोकने वाली संस्था नहीं, बल्कि समाज की भलाई और मानवता के लिए भी सक्रिय है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कार्य पुलिस और समाज के बीच विश्वास और भरोसे को बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि संवेदनशीलता और मानवता का यह उदाहरण अन्य थानों के लिए प्रेरणा का स्रोत होना चाहिए।
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