इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधायकी समाप्त होने के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता समाप्त किए जाने के बाद टीकाराम जूली ने एक्स के माध्यम से कहा कि सत्यमेव जयते। लोकतंत्र और संविधान की मर्यादा की जीत।
कांग्रेस पार्टी के सतत संघर्ष और कोर्ट में ;अवमानना याचिका दायर किए जाने के बाद अंतत: आपराधिक मामले में दोषी ठहराए गए विधायक कंवरलाल की विधानसभा सदस्यता रद्द करनी पड़ी। भारत के कानून के अनुसार जब किसी जनप्रतिनिधि को दो वर्ष या उससे अधिक की सजा होती है, तो उसकी सदस्यता स्वत: समाप्त मानी जानी चाहिए। किंतु राजस्थान में भाजपा विधायक कंवरलाल की तीन वर्ष की सजा होने के बाद भी कोर्ट के आदेश के 23 दिन बाद तक विधानसभा अध्यक्ष द्वारा रद्द नहीं की गई। यह न केवल संविधान की अवहेलना थी, बल्कि न्याय व्यवस्था का खुला अपमान भी।
कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधि मंडल ने महामहिम राज्यपाल और माननीय विधानसभा अध्यक्ष को बार बार ज्ञापन सौंपे, परंतु भाजपा सरकार ने टालमटोल की नीति अपनाई। यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों और संवैधानिक व्यवस्था के विरुद्ध था। आखिरकार आज सत्य की जीत हुई है। कंवरलाल की सदस्यता अंतत: रद्द कर दी गई। यह निर्णय दर्शाता है कि भारत में संविधान और कानून ही सर्वोपरि हैं।
PC:abplive
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