नई दिल्ली। पहाड़ी राज्यों में लगातार हो रही बारिश का असर मैदानी इलाकों पर भी पड़ रहा है। गंगा, यमुना समेत बहुत सी नदियां उफान पर हैं। मैदानी इलाकों में भी बरसात के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। यमुना नदी धीरे धीरे विकराल रूप ले रही है। हरियाणा में यमुना नदी पर बने हथिनीकुंड बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं इसके चलते दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। यमुना के आसपास रहने वाले लोगों को प्रशासन के द्वारा लगातार अलर्ट किया जा रहा है। लोगों से नदी के किनारे से दूर रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है।
उधर, मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ सितंबर के पहले सप्ताह में एक्टिव रहेगा। इस वजह से उत्तर-पश्चिमी भारत के राज्यों जैसे उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान में भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ से मानसून ट्रफ भी टकराने वाला है जिसके चलते उत्तर भारत के राज्यों में भी भारी बारिश हो सकती है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बादल फटने की कई घटनाओं की वजह से बहुत से लोग जान गंवा चुके हैं।
वहीं मैदानी इलाकों में भी नदियों का जलस्तर बढ़ने की वजह से बड़ी पंजाब, यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों में नदियों के किनारे बसे शहर और गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ की वजह से बहुत से घर और अन्य इमारतें नदी के तेज बहाव की चपेट में आकर बह गए हैं। यूपी के बलिया के बैरिया तहसील में गंगा नदी भी रौद्र रूप लिए हुए है। नदी के पास बने 18 मकान नदी में समा चुके हैं। वहीं पीलीभीत में भी भयंकर बारिश के चलते जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू कश्मीर के बहुत से इलाकों में स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई हैं।
The post Yamuna Overflows In Delhi : दिल्ली में उफनाई यमुना, बाढ़ का खतरा, हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज के सभी गेट खोले गए appeared first on News Room Post.
You may also like
Asia Cup 2025 के लिए सभी 8 टीमों की हुई घोषणा, देखें सभी टीमें और खिलाड़ियों की लिस्ट
अब भारत में बनेगा घातक, स्टेल्थ रूसी Su-57 फाइटर प्लेन? भारत के साथ रूस की दोस्ती को मिलेगी नई मजबूती
किशमिश जो सेहत और आपकी नजरों का रखें ख्याल, जानिए कैसे?
डीएलआई का पहला खिलाड़ी ट्रायल एक और दो अक्टूबर को गुरुग्राम में होगा
हिसार : सरदार सुखसागर ने दी लॉ कॉलेज छात्र को दी पढ़ाई के लिए सहायता राशि