नवी मुंबई: आईसीसी महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 का फाइनल मुकाबला भारत और साउथ अफ्रीका के बीच नवी मुंबई के डी. वाई. पाटिल स्टेडियम में खेला जा रहा है, लेकिन इस ऐतिहासिक मैच की शुरुआत में ही भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने एक ऐसा अनचाहा वर्ल्ड रिकॉर्ड बना डाला, जिसने फैंस को निराश कर दिया। भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने जैसे ही सिक्का हवा में उछाला और साउथ अफ्रीका ने टॉस जीता, हरमनप्रीत कौर ने इस वर्ल्ड कप सीजन में सबसे ज्यादा टॉस हारने का अनूठा रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।   
   
9 में से 8 टॉस गंवाए
फाइनल मुकाबले का टॉस हारते ही हरमनप्रीत कौर की खराब किस्मत का सिलसिला जारी रहा। वह इस पूरे वर्ल्ड कप सीजन में खेले गए 9 मैचों में से 8 बार टॉस हारी हैं। इस हार के साथ ही भारतीय टीम, इंग्लैंड (1982 में 13 में से 9 टॉस हारना) और पिछली भारतीय टीम (1982 में 12 में से 8 टॉस हारना) के अनचाहे रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए, किसी एक वर्ल्ड कप सीजन में सबसे कम मैचों में सबसे ज्यादा टॉस हारने वाली टीम बन गई है।
   
एकमात्र जीत भी बेनतीजा
आंकड़े बताते हैं कि हरमनप्रीत कौर के लिए टॉस की किस्मत कितनी बुरी रही है। पिछले 11 वनडे मैचों में उन्होंने केवल एक बार टॉस जीता था, और विडंबना यह है कि बांग्लादेश के खिलाफ वह मैच भी बारिश के कारण बेनतीजा रहा था।
   
      
टॉस हारना हमेशा मैच का परिणाम तय नहीं करता, लेकिन फाइनल जैसे महत्वपूर्ण मुकाबले में जहां परिस्थितियां और पिच की नमी अहम भूमिका निभाती है, वहां टॉस हारना एक बड़ा मनोवैज्ञानिक झटका हो सकता है। अब हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम को साउथ अफ्रीका के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के सामने अपनी किस्मत को पीछे छोड़कर, अपने प्रदर्शन के दम पर पहली बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीतनी होगी।
  
9 में से 8 टॉस गंवाए
फाइनल मुकाबले का टॉस हारते ही हरमनप्रीत कौर की खराब किस्मत का सिलसिला जारी रहा। वह इस पूरे वर्ल्ड कप सीजन में खेले गए 9 मैचों में से 8 बार टॉस हारी हैं। इस हार के साथ ही भारतीय टीम, इंग्लैंड (1982 में 13 में से 9 टॉस हारना) और पिछली भारतीय टीम (1982 में 12 में से 8 टॉस हारना) के अनचाहे रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए, किसी एक वर्ल्ड कप सीजन में सबसे कम मैचों में सबसे ज्यादा टॉस हारने वाली टीम बन गई है।
एकमात्र जीत भी बेनतीजा
आंकड़े बताते हैं कि हरमनप्रीत कौर के लिए टॉस की किस्मत कितनी बुरी रही है। पिछले 11 वनडे मैचों में उन्होंने केवल एक बार टॉस जीता था, और विडंबना यह है कि बांग्लादेश के खिलाफ वह मैच भी बारिश के कारण बेनतीजा रहा था।
टॉस हारना हमेशा मैच का परिणाम तय नहीं करता, लेकिन फाइनल जैसे महत्वपूर्ण मुकाबले में जहां परिस्थितियां और पिच की नमी अहम भूमिका निभाती है, वहां टॉस हारना एक बड़ा मनोवैज्ञानिक झटका हो सकता है। अब हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम को साउथ अफ्रीका के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण के सामने अपनी किस्मत को पीछे छोड़कर, अपने प्रदर्शन के दम पर पहली बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीतनी होगी।
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