भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल का टिकट कटा लिया है। टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में 7 बार की वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया। अब खिताब जीतने के लिए भारत का सामना साउथ अफ्रीका से है। टीम इंडिया की कामयाबी में एक बड़ा हाथ टीम के हेड कोच अमोल मजूमदार का भी है।
अमोल मजूमदार को जाता है बड़ा क्रेडिटअमोल मजूमदार ने कभी भारत के लिए नहीं खेला लेकिन उन्होंने अपनी शांत नेतृत्व शैली और खिलाड़ियों में विश्वास जगाकर टीम को वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचाया है। अक्टूबर 2023 में पदभार संभालने के बाद उन्होंने टीम में स्थिरता लाई और चयन व नेतृत्व पर उठ रहे सवालों का जवाब अपने काम से दिया। मजूमदार का तरीका शोर-शराबे वाला नहीं है।
अमोल मजूमदार ने कभी भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला लेकिन अक्टूबर 2023 में टीम की कमान संभालने के बाद उन्होंने टीम में एक नई दिशा और विश्वास का संचार किया है। उनकी नियुक्ति पर कुछ सवाल उठे थे, लेकिन मजूमदार ने अपने काम से यह साबित कर दिया कि अनुभव सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने से नहीं आता।
शांत रहकर करते हैं काममजूमदार का कोचिंग का तरीका पारंपरिक कोचों से अलग है। वे बड़े-बड़े भाषणों या भावनात्मक बातों पर जोर नहीं देते बल्कि खिलाड़ियों को शांत रहकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी सबसे बड़ी ताकत खिलाड़ियों में विश्वास जगाना है। वर्ल्ड कप के दौरान, जब टीम को ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों से हार का सामना करना पड़ा तब भी मजूमदार ने ड्रेसिंग रूम में शांति बनाए रखी।
घरेलू क्रिकेट में तगड़ा रिकॉर्डअमोल मजूमदार ने भले ही कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला लेकिन उन्होंने 171 फर्स्ट क्लास मैचों में 11 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। उनके नाम 30 शतक और 60 हाफ सेंचुरी हैं। वहीं लिस्ट ए में मजूमदार ने 113 मैचों में 3 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। उनके नाम 3 शतक और 26 अर्धशतक हैं। वहीं उन्होंने 14 टी20 मैचों में 174 रन भी बनाए हैं।
अमोल मजूमदार को जाता है बड़ा क्रेडिटअमोल मजूमदार ने कभी भारत के लिए नहीं खेला लेकिन उन्होंने अपनी शांत नेतृत्व शैली और खिलाड़ियों में विश्वास जगाकर टीम को वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंचाया है। अक्टूबर 2023 में पदभार संभालने के बाद उन्होंने टीम में स्थिरता लाई और चयन व नेतृत्व पर उठ रहे सवालों का जवाब अपने काम से दिया। मजूमदार का तरीका शोर-शराबे वाला नहीं है।
अमोल मजूमदार ने कभी भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला लेकिन अक्टूबर 2023 में टीम की कमान संभालने के बाद उन्होंने टीम में एक नई दिशा और विश्वास का संचार किया है। उनकी नियुक्ति पर कुछ सवाल उठे थे, लेकिन मजूमदार ने अपने काम से यह साबित कर दिया कि अनुभव सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने से नहीं आता।
शांत रहकर करते हैं काममजूमदार का कोचिंग का तरीका पारंपरिक कोचों से अलग है। वे बड़े-बड़े भाषणों या भावनात्मक बातों पर जोर नहीं देते बल्कि खिलाड़ियों को शांत रहकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी सबसे बड़ी ताकत खिलाड़ियों में विश्वास जगाना है। वर्ल्ड कप के दौरान, जब टीम को ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों से हार का सामना करना पड़ा तब भी मजूमदार ने ड्रेसिंग रूम में शांति बनाए रखी।
घरेलू क्रिकेट में तगड़ा रिकॉर्डअमोल मजूमदार ने भले ही कोई इंटरनेशनल मैच नहीं खेला लेकिन उन्होंने 171 फर्स्ट क्लास मैचों में 11 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। उनके नाम 30 शतक और 60 हाफ सेंचुरी हैं। वहीं लिस्ट ए में मजूमदार ने 113 मैचों में 3 हजार से ज्यादा रन बनाए हैं। उनके नाम 3 शतक और 26 अर्धशतक हैं। वहीं उन्होंने 14 टी20 मैचों में 174 रन भी बनाए हैं।
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