नई दिल्ली: शहर में बढ़ रहे पल्यूशन का असर लोगों की सेहत पर साफ दिखने लगा है। सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों के साथ-साथ खून की कमी से बिमार महिलाएं भी अब अधिक दिक्कत महसूस कर रही है। अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिनको सांस लेने में परेशानी, गले में जलन और सिरदर्द की शिकायत है।
डॉक्टरों ने दी चेतावनी
वहीं बच्चों में वायरल फीवर और निमोनिया के केस भी बढ़ने लगे हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में संख्या और बढ़ सकती है। इसी वजह से अस्पतालों में नेबुलाइजर की खपत भी बढ़ गई है। जीटीबी अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी में आंख, सांस और गले की एलर्जी की शिकायतों वाले मरीज लगातार आ रहे हैं।
अस्पतालों में आ रही सांस की शिकायतें
डॉक्टरों के अनुसार सबसे ज्यादा मुसीबत बुजुर्गों और अस्थमा के पुराने मरीजों को है। इमरजेंसी में तैनात एक डॉक्टर ने बताया कि जहां पहले एक दिन में लगभग 10 नेबुलाइजर किट का इस्तेमाल होता था, अब यह संख्या दोगुनी हो गई है। एलएनजेपी अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि अस्थमा रोगियों के अलावा एनीमिया से पीड़ित कई महिलाएं भी सांस की दिक्कत लेकर आ रही हैं।
इन महिलाओं को सबसे ज्यादा तकलीफ
खासकर वे महिलाएं जिनका हीमोग्लोबिन 7 से कम है, उन्हें पल्यूशन में ज्यादा तकलीफ हो रही है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि ऐसी महिलाएं बाहर कम निकलें और अपनी दवाएं टाइम से लें। डॉ बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल के डॉ पंकज कुमार ने बताया कि इन दिनों खांसी, जुकाम और एलर्जी से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। अधिकतर मरीजों में सूखी खांसी और गले में जलन देखी जा रही है।
डॉक्टरों ने दी चेतावनी
वहीं बच्चों में वायरल फीवर और निमोनिया के केस भी बढ़ने लगे हैं। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में संख्या और बढ़ सकती है। इसी वजह से अस्पतालों में नेबुलाइजर की खपत भी बढ़ गई है। जीटीबी अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी में आंख, सांस और गले की एलर्जी की शिकायतों वाले मरीज लगातार आ रहे हैं।
अस्पतालों में आ रही सांस की शिकायतें
डॉक्टरों के अनुसार सबसे ज्यादा मुसीबत बुजुर्गों और अस्थमा के पुराने मरीजों को है। इमरजेंसी में तैनात एक डॉक्टर ने बताया कि जहां पहले एक दिन में लगभग 10 नेबुलाइजर किट का इस्तेमाल होता था, अब यह संख्या दोगुनी हो गई है। एलएनजेपी अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि अस्थमा रोगियों के अलावा एनीमिया से पीड़ित कई महिलाएं भी सांस की दिक्कत लेकर आ रही हैं।
इन महिलाओं को सबसे ज्यादा तकलीफ
खासकर वे महिलाएं जिनका हीमोग्लोबिन 7 से कम है, उन्हें पल्यूशन में ज्यादा तकलीफ हो रही है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि ऐसी महिलाएं बाहर कम निकलें और अपनी दवाएं टाइम से लें। डॉ बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल के डॉ पंकज कुमार ने बताया कि इन दिनों खांसी, जुकाम और एलर्जी से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। अधिकतर मरीजों में सूखी खांसी और गले में जलन देखी जा रही है।
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