गुजरात के राजकोट के मामले ने सबको चौंका दिया है। साथ ही अपनी सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने के लिए सतर्क भी कर दिया है। पायल मातृत्व अस्पताल के सीसीटीवी कैमरा हैक हो गए। हैकर्स ने नौ महीनों में पूरे देश के करीब 80 सीसीटीवी सिस्टम से 50,000 से ज्यादा क्लिप चुराईं। ये क्लिप टेलीग्राम पर 700 से 4,000 रुपये में बेची गईं। पुलिस ने मुख्य आरोपी को 39 घंटे में पकड़ लिया। हैकर्स ने आसान पासवर्ड का फायदा उठाया। ज्यादातर सीसीटीवी में फैक्ट्री सेट पासवर्ड जैसे 'admin123' था, जो कभी बदला नहीं गया। इससे सिक्योरिटी टूट गई। ऐसा कुछ आपके साथ ना हो, इसके लिए आप क्या कदम उठा सकते हैं, चलिए यह बात जान लेते हैं।
हैकर्स ने ऐसे लगाई सेंधटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर परीत धमेलिया ने suIP.biz वेबसाइट से गुजरात के कैमरों के आईपी एड्रेस निकाले। फिर Masscan टूल से तेजी से खुले पोर्ट खोजे, जो रिमोट एक्सेस के दरवाजे हैं। खुले पोर्ट मिलने पर SWC सॉफ्टवेयर चलाया। ये टूल कैमरे का आईडी, पासवर्ड और आईपी निकाल लेता है। फिर लोग DMSS ऐप से लॉगिन करके वीडियो देखते थे। इन्होंने हैकर्स ने हाथ से नहीं देखा। बॉट और स्क्रिप्ट से ऑटोमैटिक लॉगिन, डाउनलोड और लॉगआउट करते थे। जनवरी 2024 से दिसंबर तक 11,000 से ज्यादा सेशन हुए।
20 राज्यों में हैकर्स ने हमला कियाहैकर्स ने वीपीएन से एक्सेस छिपाया, जो बुकारेस्ट या न्यूयॉर्क से दिखता था। हमला 20 राज्यों में हुआ, अस्पताल, स्कूल, ऑफिस, फैक्ट्री, सिनेमा और घरों पर। नौ महीने में 50,000 अश्लील क्लिप चोरी हुईं। पुणे, मुंबई, नाशिक, सूरत, अहमदाबाद और दिल्ली सहित 80 डैशबोर्ड हैक हुए। 2025 में गिरफ्तारी के बाद भी जून तक क्लिप टेलीग्राम पर थीं। बीएनएस और आईटी एक्ट में साइबर टेररिज्म के तहत केस बना।
बचने के लिए अपनाएं ये स्टेप्सयदि आप ऐसी स्थिति से बचना चाहते हैं तो डिफॉल्ट पासवर्ड तुरंत बदलें। मजबूत और अलग पासवर्ड लगाएं। रिमोट एक्सेस में एमएफए (मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन) यूज करें। पासवर्ड के साथ फोन कोड भी एड करें। मतलब जब कोई आपके सीसीटीवी में लॉगिन करे तो उसे पासवर्ड ही नहीं फोन कोड भी डालना होगा। सीसीटीवी को इंटरनेट से सीधे जोड़ने से बचें।
ये सावधानियां बरतेंफायरवॉल से खुले पोर्ट बंद करें। फर्मवेयर अपडेट रखें। सीसीटीवी को अलग नेटवर्क पर रखें। लॉग चेक करें, अबनॉर्मल सेशन पर अलर्ट लगाएं। सिर्फ भरोसेमंद ऐप यूज करें। इंस्टॉलर को पासवर्ड बदलना और सुरक्षित चेकलिस्ट फॉलो करना सिखाएं। थर्ड पार्टी ऐप की एक्सेस सीमित करें। ये पहला मामला नहीं है, डिफॉल्ट पासवर्ड का यूज करके कई हैकर्स पहले भी हैकिंग कर चुके हैं।
हैकर्स ने ऐसे लगाई सेंधटाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर परीत धमेलिया ने suIP.biz वेबसाइट से गुजरात के कैमरों के आईपी एड्रेस निकाले। फिर Masscan टूल से तेजी से खुले पोर्ट खोजे, जो रिमोट एक्सेस के दरवाजे हैं। खुले पोर्ट मिलने पर SWC सॉफ्टवेयर चलाया। ये टूल कैमरे का आईडी, पासवर्ड और आईपी निकाल लेता है। फिर लोग DMSS ऐप से लॉगिन करके वीडियो देखते थे। इन्होंने हैकर्स ने हाथ से नहीं देखा। बॉट और स्क्रिप्ट से ऑटोमैटिक लॉगिन, डाउनलोड और लॉगआउट करते थे। जनवरी 2024 से दिसंबर तक 11,000 से ज्यादा सेशन हुए।
20 राज्यों में हैकर्स ने हमला कियाहैकर्स ने वीपीएन से एक्सेस छिपाया, जो बुकारेस्ट या न्यूयॉर्क से दिखता था। हमला 20 राज्यों में हुआ, अस्पताल, स्कूल, ऑफिस, फैक्ट्री, सिनेमा और घरों पर। नौ महीने में 50,000 अश्लील क्लिप चोरी हुईं। पुणे, मुंबई, नाशिक, सूरत, अहमदाबाद और दिल्ली सहित 80 डैशबोर्ड हैक हुए। 2025 में गिरफ्तारी के बाद भी जून तक क्लिप टेलीग्राम पर थीं। बीएनएस और आईटी एक्ट में साइबर टेररिज्म के तहत केस बना।
बचने के लिए अपनाएं ये स्टेप्सयदि आप ऐसी स्थिति से बचना चाहते हैं तो डिफॉल्ट पासवर्ड तुरंत बदलें। मजबूत और अलग पासवर्ड लगाएं। रिमोट एक्सेस में एमएफए (मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन) यूज करें। पासवर्ड के साथ फोन कोड भी एड करें। मतलब जब कोई आपके सीसीटीवी में लॉगिन करे तो उसे पासवर्ड ही नहीं फोन कोड भी डालना होगा। सीसीटीवी को इंटरनेट से सीधे जोड़ने से बचें।
ये सावधानियां बरतेंफायरवॉल से खुले पोर्ट बंद करें। फर्मवेयर अपडेट रखें। सीसीटीवी को अलग नेटवर्क पर रखें। लॉग चेक करें, अबनॉर्मल सेशन पर अलर्ट लगाएं। सिर्फ भरोसेमंद ऐप यूज करें। इंस्टॉलर को पासवर्ड बदलना और सुरक्षित चेकलिस्ट फॉलो करना सिखाएं। थर्ड पार्टी ऐप की एक्सेस सीमित करें। ये पहला मामला नहीं है, डिफॉल्ट पासवर्ड का यूज करके कई हैकर्स पहले भी हैकिंग कर चुके हैं।
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