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लाल किले से चोरी करोड़ों के कलश का क्या है धार्मिक महत्व? हापुड़ से हुई है बरामदगी

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नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले से चोरी हुए 1 करोड़ रुपए कीमत के कलश की बरामदगी हो गई है। जैन समुदाय के धार्मिक अनुष्ठान के दौरान चोरी हुए इस कलश में 760 ग्राम सोना और 150 ग्राम हीरा, पन्ना और माणिक जड़े हैं। इस कलश को उत्तर प्रदेश के हापुड़ से बरामद किया गया है। हालांकि, अब भी इस तरह के 2 और कलश बरामद होना बाकी हैं, जिनकी तलाश में दिल्ली पुलिस जगह-जगह छापेमारी कर रही है। आइए जानते हैं कि आखिर इन कलश की धार्मिक मान्यताएं क्या हैं।



बता दें कि लाल किले के परिसर से चोरी किए गए कलश को जैन धर्म के धार्मिक अनुष्ठान के दौरान गायब किया गया। इस कलश की स्थापना विश्व शांति के लिए की गई थी। जैन धर्म के लोगों में इस कलश का काफी अधिक धार्मिक महत्व है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कलश में हीरा, पन्ना और माणिक जैसे बेशकीमती पत्थर जड़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि इन आभूषणों को कलश की सुंदरता बढ़ाने के लिए उस पर लगाया गया था। इस कलश के साथ जैन समाज की धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।



कलश से फलदायी बनती है पूजाजानकारी के मुताबिक पूरे जैन समाज में कलश का खास महत्व है। इसकी स्थापना का मकसद भगवान की आह्वान करने के लिए होता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है। कलश को शक्ति और शुभ योग का प्रतीक भी माना जाता है। कलश की स्थापना पूजा-पाठ को और ज्यादा फलदायी बनाती है। बताया जा रहा है कि बिजनेसमैन सुधीर जैन रोजाना पूजा के लिए लालकिले तक कलश लेकर पहुंचते थे। जिस दिन लालकिला परिसर से यह कलश गायब, उस दिन के कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी शामिल थे।



760 ग्राम का है चोरी हुआ कलशकलश की कीम करीब 1 करोड़ रुपये के करीब है। पूरा कलश सोने का है, जिसके ऊपर कीमती पत्थर जड़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि कलश का वजन करीब 760 ग्राम है, जिस पर 150 ग्राम हीरे के साथ ही माणिक और पन्ने जैसे आभूषण जड़े हुए हैं।

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