H-1B Visa News: अमेरिका में H-1B वीजा को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कभी नेताओं तो कभी खुद अमेरिकी वर्कर्स की तरफ से इस वीजा प्रोग्राम के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है। इसी कड़ी में एक अमेरिकी कर्मचारी ने मांग की है कि H-1B वीजा होल्डर्स को नौकरी से निकालने के लिए कानून बनाया जाए। अमेजन में काम करने वाले कर्मचरी का कहना है कि ऐसे लोगों का अमेरिका में जॉब के अलावा यहां से कोई संबंध नहीं है। उनके पास अपे देश लौटने का ऑप्शन होता है।
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TeamBlind प्लेटफॉर्म पर शेयर किए गए पोस्ट में अमेरिकी टेक वर्कर ने कहा कि H-1B वीजा वर्कर्स अपने देश में जाकर भी नौकरी ढूंढ सकते हैं। इस पोस्ट को लेकर बहस भी शुरू हो चुकी है। कई लोगों का कहना है कि अमेरिका को बनाने में आप्रवासियों का बड़ा हाथ रहा है। अमेरिका में हर साल 65 हजार H-1B वीजा जारी किए जाते हैं। इस वीजा के जरिए सबसे ज्यादा हायरिंग टेक सेक्टर में होती है। अमेजन, गूगल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भारतीयों समेत विदेशी टेक वर्कर्स की हायरिंग करती हैं।
H-1B होल्डर्स अपने देश में भी ढूंढ सकते हैं जॉब: अमेरिकी वर्कर
अमेरिकी वर्कर ने अपनी पोस्ट में कहा, 'छंटनी का सबसे पहला टारगेट H-1B वीजा होल्डर्स को बनाना होगा। इसकी वजह ये है कि रोजगार के अलावा, उनका अमेरिका में कोई संबंध नहीं होता है। अगर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है, तो वे अपने देश लौटकर जॉब ढूंढ सकते हैं।' उसने कहा, 'लगभग सभी H-1B वीजा होल्डर्स परिवार अपनी संस्कृति को बरकरार रखते हैं। अगर उनके बच्चे यहां हैं, तो भी उन्हें वापस लौटने पर अपने पैरेंट्स की संस्कृति के साथ तालमेल बिठाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।'
H-1B छंटनी के लिए कानून पारित करे कांग्रेस: अमेरिकी वर्कर
अमेरिकी वर्कर ने आगे कहा, 'जब हमें नौकरी से निकाल दिया जाता है, तो हमारे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं होती। हमें बिल भी भरने होते हैं। हम अपने कर्जों का भुगतान न करके देश छोड़कर नहीं जा सकते। हमारे परिवार यहां हैं, इसलिए अमेरिका के साथ हमारे मजबूत संबंध हैं। छंटनी परफॉर्मेंस के आधार पर नहीं होती, इसलिए मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस ऐसा कानून क्यों नहीं पारित करती जो कंपनियों द्वारा छंटनी के समय H-1B और अन्य अस्थायी कर्मचारियों को प्राथमिकता दे।'
लोगों ने क्या कहा?
इस पोस्ट पर कई सारे लोगों ने अलग-अलग रिस्पांस भी दिए। कुछ लोगों ने अमेरिकी वर्कर की आलोचना की, जबकि कुछ लोगों ने जोर देकर कहा कि देश के सांस्कृतिक ताने-बाने के लिए यह एक नैतिक और जरूरी कदम है। कुछ लोग कानूनी मांग से सहमत होते हुए नजर आए। कुछ ऐसे भी लोग रहे, जिन्होंने कहा कि अमेरिकी वर्कर को स्किल बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। वहां सिर्फ नफरत फैलाने का काम कर रहा है।
एक गुस्साए हुए यूजर ने कहा, 'बिना H-1B के अमेरिका को बनाने के लिए शुभकामनाएं। आपका देश H-1B और सभी आप्रवासियों के कंधे पर खड़ा है। अपनी आधी बुद्धि का इस्तेमाल अमेजन में अपना काम बेहतर ढंग से करने में करें और शायद तब जाकर आप जिंदगी में आप इतने कटु न हों।'
एक अन्य यूजर ने कहा, 'ये पोस्ट इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि अमेरिका को दूसरे देशों से टैलेंट लाने की जरूरत क्यों पड़ती है। H-1B यहां घर खरीद रहे हैं, अमेरिका में निवेश कर रहे हैं और उनके पास खोने के लिए सब कुछ है। मुझे लगता है अज्ञानता ही असली सुख है।'
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TeamBlind प्लेटफॉर्म पर शेयर किए गए पोस्ट में अमेरिकी टेक वर्कर ने कहा कि H-1B वीजा वर्कर्स अपने देश में जाकर भी नौकरी ढूंढ सकते हैं। इस पोस्ट को लेकर बहस भी शुरू हो चुकी है। कई लोगों का कहना है कि अमेरिका को बनाने में आप्रवासियों का बड़ा हाथ रहा है। अमेरिका में हर साल 65 हजार H-1B वीजा जारी किए जाते हैं। इस वीजा के जरिए सबसे ज्यादा हायरिंग टेक सेक्टर में होती है। अमेजन, गूगल, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां भारतीयों समेत विदेशी टेक वर्कर्स की हायरिंग करती हैं।
H-1B होल्डर्स अपने देश में भी ढूंढ सकते हैं जॉब: अमेरिकी वर्कर
अमेरिकी वर्कर ने अपनी पोस्ट में कहा, 'छंटनी का सबसे पहला टारगेट H-1B वीजा होल्डर्स को बनाना होगा। इसकी वजह ये है कि रोजगार के अलावा, उनका अमेरिका में कोई संबंध नहीं होता है। अगर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है, तो वे अपने देश लौटकर जॉब ढूंढ सकते हैं।' उसने कहा, 'लगभग सभी H-1B वीजा होल्डर्स परिवार अपनी संस्कृति को बरकरार रखते हैं। अगर उनके बच्चे यहां हैं, तो भी उन्हें वापस लौटने पर अपने पैरेंट्स की संस्कृति के साथ तालमेल बिठाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।'
H-1B छंटनी के लिए कानून पारित करे कांग्रेस: अमेरिकी वर्कर
अमेरिकी वर्कर ने आगे कहा, 'जब हमें नौकरी से निकाल दिया जाता है, तो हमारे पास जाने के लिए कोई जगह नहीं होती। हमें बिल भी भरने होते हैं। हम अपने कर्जों का भुगतान न करके देश छोड़कर नहीं जा सकते। हमारे परिवार यहां हैं, इसलिए अमेरिका के साथ हमारे मजबूत संबंध हैं। छंटनी परफॉर्मेंस के आधार पर नहीं होती, इसलिए मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस ऐसा कानून क्यों नहीं पारित करती जो कंपनियों द्वारा छंटनी के समय H-1B और अन्य अस्थायी कर्मचारियों को प्राथमिकता दे।'
लोगों ने क्या कहा?
इस पोस्ट पर कई सारे लोगों ने अलग-अलग रिस्पांस भी दिए। कुछ लोगों ने अमेरिकी वर्कर की आलोचना की, जबकि कुछ लोगों ने जोर देकर कहा कि देश के सांस्कृतिक ताने-बाने के लिए यह एक नैतिक और जरूरी कदम है। कुछ लोग कानूनी मांग से सहमत होते हुए नजर आए। कुछ ऐसे भी लोग रहे, जिन्होंने कहा कि अमेरिकी वर्कर को स्किल बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। वहां सिर्फ नफरत फैलाने का काम कर रहा है।
एक गुस्साए हुए यूजर ने कहा, 'बिना H-1B के अमेरिका को बनाने के लिए शुभकामनाएं। आपका देश H-1B और सभी आप्रवासियों के कंधे पर खड़ा है। अपनी आधी बुद्धि का इस्तेमाल अमेजन में अपना काम बेहतर ढंग से करने में करें और शायद तब जाकर आप जिंदगी में आप इतने कटु न हों।'
एक अन्य यूजर ने कहा, 'ये पोस्ट इस बात का एक बेहतरीन उदाहरण है कि अमेरिका को दूसरे देशों से टैलेंट लाने की जरूरत क्यों पड़ती है। H-1B यहां घर खरीद रहे हैं, अमेरिका में निवेश कर रहे हैं और उनके पास खोने के लिए सब कुछ है। मुझे लगता है अज्ञानता ही असली सुख है।'
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