अमिताभ बच्चन हर रोज कुछ न कुछ ऐसा ट्वीट कर देते हैं या ब्लॉग पर लिख देते हैं, जो यूजर्स को कन्फ्यूज कर देता है। वो अपना सिर खुजलाने लगते हैं और बिग बी से तरह-तरह के सवाल पूछते हैं। कुछ तो उनका मजाक ही उड़ाने लग जाते हैं। हालांकि, कई बार अमिताभ के ऐसे पोस्ट भी सामने आते हैं, जो डरा देते हैं। जैसे कि अब उनका लेटेस्ट पोस्ट...अमिताभ बच्चन ने रात 12:37 बजे ब्लॉग लिखा, जिसमें उन्होंने 'समय बदल जाने और लोगों के बदलने' के बारे में बात की है।
वहीं, अमिताभ बच्चन ने X पर पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता की कुछ पंक्तियां लिखीं, तो वहीं, एक और अन्य ट्वीट में 'स्तब्ध! निशब्द!'.. बस यही लिखा। यही सब देख फैंस परेशान हो गए हैं।
अमिताभ बच्चन ने लिखा, 'लोग बदलते हैं, जो तब थे, अब नहीं हैं
83 वर्षीय मेगास्टार ने अपने ब्लॉग पर लिखा, 'समय बदलता है, दुनिया बदलती है... नजरिया, आदतें बदलती हैं, संस्कृति बदलती है... लोग बदलते हैं.. जो तब थे, अब नहीं हैं.. और जल्द ही जो 'अब' हैं, वो समय के साथ 'तब' के संदर्भ में आ जाएंगे।'
अतीत में जीने का क्या फायदा?
उन्होंने आगे लिखा कि किस तरह अतीत में जीने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने लिखा है, ''तब' के विलाप आज के समय में गूंजते रहेंगे। वो बस एक स्मृति बनकर रह जाएंगे। उन्हें स्मृति में ही रहने दो। उनका सम्मान करो और उनका आनंद लो। वो 'तब' कितने आनंददायी थे।'
जो हम पर जुमले कसते हैं, हमें जिंदा तो समझते हैं...
अमिताभ बच्चन ने फिर पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता की कुछ लाइनें लिखीं- तुमने हमें पूज पूज कर पत्थर कर डाला, वो जो हम पर जुमले कसते हैं, हमें जिंदा तो समझते हैं- हरिवंश राय बच्चन।' वहीं, अमिताभ ने जो 'स्तब्ध-निशब्द' वाला ट्वीट किया, वह एड गुरु पीयूष पांडे के लिए था, जिनका हाल ही निधन हो गया। अमिताभ उन्हें आखिरी विदाई भी देने पहुंचे थे। मालूम हो कि अमिताभ ने जो पोलियो कैंपेन किया था, उसे पीयूष पांडे ने ही डिजाइन किया था। वह कैंपेन बहुत सफल रहा था। इसके अलावा अमिताभ ने पीयूष पांडे के डिजाइन किए कई विज्ञापनों में काम किया।
वहीं, अमिताभ बच्चन ने X पर पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता की कुछ पंक्तियां लिखीं, तो वहीं, एक और अन्य ट्वीट में 'स्तब्ध! निशब्द!'.. बस यही लिखा। यही सब देख फैंस परेशान हो गए हैं।
अमिताभ बच्चन ने लिखा, 'लोग बदलते हैं, जो तब थे, अब नहीं हैं
83 वर्षीय मेगास्टार ने अपने ब्लॉग पर लिखा, 'समय बदलता है, दुनिया बदलती है... नजरिया, आदतें बदलती हैं, संस्कृति बदलती है... लोग बदलते हैं.. जो तब थे, अब नहीं हैं.. और जल्द ही जो 'अब' हैं, वो समय के साथ 'तब' के संदर्भ में आ जाएंगे।'
अतीत में जीने का क्या फायदा?
उन्होंने आगे लिखा कि किस तरह अतीत में जीने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने लिखा है, ''तब' के विलाप आज के समय में गूंजते रहेंगे। वो बस एक स्मृति बनकर रह जाएंगे। उन्हें स्मृति में ही रहने दो। उनका सम्मान करो और उनका आनंद लो। वो 'तब' कितने आनंददायी थे।'
जो हम पर जुमले कसते हैं, हमें जिंदा तो समझते हैं...
अमिताभ बच्चन ने फिर पिता हरिवंश राय बच्चन की एक कविता की कुछ लाइनें लिखीं- तुमने हमें पूज पूज कर पत्थर कर डाला, वो जो हम पर जुमले कसते हैं, हमें जिंदा तो समझते हैं- हरिवंश राय बच्चन।' वहीं, अमिताभ ने जो 'स्तब्ध-निशब्द' वाला ट्वीट किया, वह एड गुरु पीयूष पांडे के लिए था, जिनका हाल ही निधन हो गया। अमिताभ उन्हें आखिरी विदाई भी देने पहुंचे थे। मालूम हो कि अमिताभ ने जो पोलियो कैंपेन किया था, उसे पीयूष पांडे ने ही डिजाइन किया था। वह कैंपेन बहुत सफल रहा था। इसके अलावा अमिताभ ने पीयूष पांडे के डिजाइन किए कई विज्ञापनों में काम किया।
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