लेह: लद्दाख में 24 सितंबर को हुई हिंसा को लेकर पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के खिलाफ लगाए गए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत की गई कार्रवाई पर उनकी पत्नी गीतांजलि अंगमो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक आधिकारिक पोस्ट की है। गीतांजलि के अनुसार, वांगचुक ने एडवाइजरी बोर्ड के सामने यह साफ किया कि उन्हें गलत तरीके से और बिना किसी ठोस वजह के नजरबंद किया गया था। उन्होंने दावा किया कि वांगचुक अडिग हैं। उनका विश्वास अटल है कि 'सत्यमेव जयते'- सत्य की ही जीत होगी।
गीतांजलि अंगमो ने क्या कहा?
गीतांजलि अंगमो ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में लिखा, 24 सितंबर को हुई बैठक में वांगचुक ने एडवाइजरी बोर्ड के समक्ष अपने पक्ष में कई अहम बिंदु रखे। उन्होंने बताया कि उन्हें गलत तरीके से और बिना उचित कारण के नजरबंद किया गया। वांगचुक ने कहा कि उनके वीडियो और बयानों को तोड़-मरोड़कर, उनके शब्दों को गलत संदर्भ में पेश किया गया। इससे प्रशासन ने यह गलत धारणा बनाई कि उन्होंने कानून-व्यवस्था को भड़काने का काम किया है।
इंसाफ के घर देर है, पर अंधेर नहीं
गीतांजलि अंगमो ने बताया कि वांगचुक ने एडवाइजरी बोर्ड को ठोस रूप से यह समझाया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप न केवल न्याय का मजाक हैं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ भी हैं। उन्होंने कहा, "यह एक न्यायिक त्रासदी है और भारतीय लोकतंत्र का मजाक उड़ाने जैसा है। हालांकि इन तमाम आरोपों और चुनौतियों के बावजूद वांगचुक पूरी तरह शांत और दृढ़ बने रहे। उन्होंने बैठक में कहा कि इंसाफ के घर देर है, पर अंधेर नहीं। सत्य की जीत निश्चित है।"
सत्य की ही जीत होगी
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है और जल्द ही सच्चाई सबके सामने आएगी। वांगचुक ने समर्थन दे रहे लोगों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देशभर से जो लोग सत्य, न्याय और अहिंसा के मूल्यों के साथ खड़े हैं, वही लोकतंत्र की असली ताकत हैं। गीतांजलि अंगमो ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के अंत में लिखा कि वांगचुक अडिग हैं। उनका विश्वास अटल है कि 'सत्यमेव जयते'- सत्य की ही जीत होगी।
गीतांजलि अंगमो ने क्या कहा?
गीतांजलि अंगमो ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में लिखा, 24 सितंबर को हुई बैठक में वांगचुक ने एडवाइजरी बोर्ड के समक्ष अपने पक्ष में कई अहम बिंदु रखे। उन्होंने बताया कि उन्हें गलत तरीके से और बिना उचित कारण के नजरबंद किया गया। वांगचुक ने कहा कि उनके वीडियो और बयानों को तोड़-मरोड़कर, उनके शब्दों को गलत संदर्भ में पेश किया गया। इससे प्रशासन ने यह गलत धारणा बनाई कि उन्होंने कानून-व्यवस्था को भड़काने का काम किया है।
Accompanied @Wangchuk66 to his meeting with the advisory board on 24.09.2025. He made his representation of how he was illegally detained under the NSA based on his words, statements and ideas taken out of context from his videos, how the translator has deliberately paraphrased…
— Gitanjali J Angmo (@GitanjaliAngmo) October 26, 2025
इंसाफ के घर देर है, पर अंधेर नहीं
गीतांजलि अंगमो ने बताया कि वांगचुक ने एडवाइजरी बोर्ड को ठोस रूप से यह समझाया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप न केवल न्याय का मजाक हैं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ भी हैं। उन्होंने कहा, "यह एक न्यायिक त्रासदी है और भारतीय लोकतंत्र का मजाक उड़ाने जैसा है। हालांकि इन तमाम आरोपों और चुनौतियों के बावजूद वांगचुक पूरी तरह शांत और दृढ़ बने रहे। उन्होंने बैठक में कहा कि इंसाफ के घर देर है, पर अंधेर नहीं। सत्य की जीत निश्चित है।"
सत्य की ही जीत होगी
उन्होंने आगे कहा कि उन्हें न्याय व्यवस्था पर पूरा विश्वास है और जल्द ही सच्चाई सबके सामने आएगी। वांगचुक ने समर्थन दे रहे लोगों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि देशभर से जो लोग सत्य, न्याय और अहिंसा के मूल्यों के साथ खड़े हैं, वही लोकतंत्र की असली ताकत हैं। गीतांजलि अंगमो ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के अंत में लिखा कि वांगचुक अडिग हैं। उनका विश्वास अटल है कि 'सत्यमेव जयते'- सत्य की ही जीत होगी।
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