नई दिल्ली: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्यूचुअल फंड की फीस के ढांचे में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा है। ET के मुताबिक, इन बदलावों से ओपन एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों का बेस एक्सपेंस रेश्यो 15 बेसिस पॉइंट्स और क्लोज एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों का 25 बेसिस पॉइंट्स तक कम हो जाएगा। मंगलवार को जारी एक कंसल्टेशन पेपर में सेबी ने 17 नवंबर तक आम लोगों से राय मांगी है।
अतिरिक्त चार्ज खत्म होंगे
सबसे बड़े प्रस्तावों में से एक यह है कि सेबी उन अतिरिक्त 5 बेसिस पॉइंट्स (bps) को हटाने की योजना बना रहा है, जो फंड हाउस अब तक अपनी सभी स्कीमों पर वसूल करते थे। यह 5 बेसिस पॉइंट्स का चार्ज 2012 में तब लाया गया था, जब एग्जिट लोड का नियम बदला था। सेबी प्रस्ताव दिया है कि सभी सरकारी टैक्स और चार्ज, जैसे सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT), GST, स्टांप ड्यूटी और कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (CTT) को टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER) की सीमा से बाहर रखा जाना चाहिए।
एक्सपेंस रेश्यो का पूरा ब्योरा
रेगुलेटर के मुताबिक फंड हाउस टोटल एक्सपेंस रेश्यो का पूरा ब्योरा दें, जिसमें हर तरह के खर्च का साफ-साफ ब्रेकअप हो। सेबी ने ब्रोकरेज और ट्रांजैक्शन कॉस्ट को भी कम करने का प्रस्ताव दिया है, जिसका बोझ निवेशकों पर पड़ता है। अभी ने म्यूचुअल फंड कैश मार्केट ट्रांजेक्शन पर 12 bps और डेरिवेटिव ट्रेड पर 5 bps तक चार्ज कर सकते हैं। रेगुलेटर ने अब इसे घटाकर 2 bps और 1 bps करने का प्रस्ताव रखा है।
क्या है प्रस्ताव?
ओपन-एंडेड फंड बेस एक्सपेंस रेश्यो में 15 बेसिस पॉइंट्स (0.15%) की कटौती।
क्लोज-एंडेड फंड बेस एक्सपेंस रेश्यो में 25 बेसिस पॉइंट्स (0.25%) की कटौती।
अतिरिक्त चार्ज हटेगा: फंड हाउस द्वारा वसूला जाने वाला 5 बेसिस पॉइंट्स (0.05%) का चार्ज खत्म होगा।
डबल चार्जिंग पर लगेगी रोक
डबल चार्जिंग की चिंता जताते हुए सेबी ने कहा, अक्सर निवेशक दो बार पैसा देते हैं। एक तो इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और अडवाइजरी फीस के तौर पर और दूसरा ब्रोकरेज और ट्रांजैक्शन कॉस्ट के हिस्से के तौर पर।
अतिरिक्त चार्ज खत्म होंगे
सबसे बड़े प्रस्तावों में से एक यह है कि सेबी उन अतिरिक्त 5 बेसिस पॉइंट्स (bps) को हटाने की योजना बना रहा है, जो फंड हाउस अब तक अपनी सभी स्कीमों पर वसूल करते थे। यह 5 बेसिस पॉइंट्स का चार्ज 2012 में तब लाया गया था, जब एग्जिट लोड का नियम बदला था। सेबी प्रस्ताव दिया है कि सभी सरकारी टैक्स और चार्ज, जैसे सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT), GST, स्टांप ड्यूटी और कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (CTT) को टोटल एक्सपेंस रेश्यो (TER) की सीमा से बाहर रखा जाना चाहिए।
एक्सपेंस रेश्यो का पूरा ब्योरा
रेगुलेटर के मुताबिक फंड हाउस टोटल एक्सपेंस रेश्यो का पूरा ब्योरा दें, जिसमें हर तरह के खर्च का साफ-साफ ब्रेकअप हो। सेबी ने ब्रोकरेज और ट्रांजैक्शन कॉस्ट को भी कम करने का प्रस्ताव दिया है, जिसका बोझ निवेशकों पर पड़ता है। अभी ने म्यूचुअल फंड कैश मार्केट ट्रांजेक्शन पर 12 bps और डेरिवेटिव ट्रेड पर 5 bps तक चार्ज कर सकते हैं। रेगुलेटर ने अब इसे घटाकर 2 bps और 1 bps करने का प्रस्ताव रखा है।
क्या है प्रस्ताव?
ओपन-एंडेड फंड बेस एक्सपेंस रेश्यो में 15 बेसिस पॉइंट्स (0.15%) की कटौती।
क्लोज-एंडेड फंड बेस एक्सपेंस रेश्यो में 25 बेसिस पॉइंट्स (0.25%) की कटौती।
अतिरिक्त चार्ज हटेगा: फंड हाउस द्वारा वसूला जाने वाला 5 बेसिस पॉइंट्स (0.05%) का चार्ज खत्म होगा।
डबल चार्जिंग पर लगेगी रोक
डबल चार्जिंग की चिंता जताते हुए सेबी ने कहा, अक्सर निवेशक दो बार पैसा देते हैं। एक तो इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और अडवाइजरी फीस के तौर पर और दूसरा ब्रोकरेज और ट्रांजैक्शन कॉस्ट के हिस्से के तौर पर।
You may also like

दिल्ली जल बोर्ड से जुड़ा फर्जी मैसेज, 'बाबा किस्मतवाले' नाम से टेलीग्राम चैनल... दिल्ली समेत कई राज्यों में साइबर 'खेल' पर बड़ा खुलासा

Bihar Election 2025: 'गोलू अपहरण कांड कभी नहीं भूल सकते', PM मोदी ने RJD राज को याद कर बिहार चुनाव को दी नई दिशा

Pancard Update- क्या आपका पैनकार्ड आधार कार्ड से लिंक है, ऐसे करें चेक

Bigg Boss 19: मृदुल तिवारी के बाद अब ये सदस्य बना घर का कैप्टन, जनता के दिलों पर भी कर रहा है राज

Health Tips- क्या आपके हाथ पैर बार बार सुन्न हो जाते हैं, जानिए इसकी वजह और इलाज




