लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यादव और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ विशेष रूप से अभियान चलाने संबंधी आदेश पर कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यमंत्री ने पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक एसएन सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। एसएन सिंह ने प्रदेश के 57,000 से अधिक गांवों में यादवों और मुस्लिमों की ओर से कथित अवैध कब्जों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने का आदेश जारी किया था। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ का गुस्सा सामने आया।
अभियान के आदेश पर हड़कंपसंयुक्त निदेशक के इस आदेश के बाद बलिया जिले में जिला पंचायत राज अधिकारी ने भी सभी बीडीओ को अभियान चलाने के निर्देश दे दिए थे। आदेश का पत्र वायरल होते ही राज्य भर में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। मामला शासन तक पहुंचा, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई की।
सीएम योगी का स्पष्ट संदेशमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जाति और धर्म के आधार पर इस प्रकार का आदेश शासन की नीतियों के खिलाफ है और समाज में विभाजन पैदा करने वाला है। यह किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह निष्पक्ष, तथ्यात्मक और कानूनी रूप से होनी चाहिए। किसी जाति या धर्म के आधार पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। सीएम ने चेतावनी दी कि इस तरह की गलती की पुनरावृत्ति होने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्या था विवादित आदेश?पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक द्वारा जारी पत्र में यूपी की 57,691 ग्राम पंचायतों में यादव और मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा कथित रूप से ग्राम सभा की भूमि, पोखरों, खलिहानों, खेल मैदानों, श्मशान भूमि, और पंचायत भवनों पर किए गए अवैध कब्जों को हटाने के लिए अभियान चलाने को कहा गया था। पत्र में यह भी उल्लेख था कि जिलों के डीएम, मुख्य विकास अधिकारियों और पंचायत अधिकारियों को इस अभियान के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करें।
सीएम ने दोहराई प्राथमिकतामुख्यमंत्री ने दोहराया कि सरकार समरसता, सामाजिक न्याय और सबके लिए समान अधिकार के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी सरकारी नीति या कार्रवाई में किसी समुदाय, जाति या वर्ग के प्रति पूर्वग्रह का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी नीतियां संविधान और न्याय की भावना के अनुरूप है।
अभियान के आदेश पर हड़कंपसंयुक्त निदेशक के इस आदेश के बाद बलिया जिले में जिला पंचायत राज अधिकारी ने भी सभी बीडीओ को अभियान चलाने के निर्देश दे दिए थे। आदेश का पत्र वायरल होते ही राज्य भर में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया। मामला शासन तक पहुंचा, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई की।
सीएम योगी का स्पष्ट संदेशमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जाति और धर्म के आधार पर इस प्रकार का आदेश शासन की नीतियों के खिलाफ है और समाज में विभाजन पैदा करने वाला है। यह किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई पूरी तरह निष्पक्ष, तथ्यात्मक और कानूनी रूप से होनी चाहिए। किसी जाति या धर्म के आधार पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। सीएम ने चेतावनी दी कि इस तरह की गलती की पुनरावृत्ति होने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्या था विवादित आदेश?पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक द्वारा जारी पत्र में यूपी की 57,691 ग्राम पंचायतों में यादव और मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा कथित रूप से ग्राम सभा की भूमि, पोखरों, खलिहानों, खेल मैदानों, श्मशान भूमि, और पंचायत भवनों पर किए गए अवैध कब्जों को हटाने के लिए अभियान चलाने को कहा गया था। पत्र में यह भी उल्लेख था कि जिलों के डीएम, मुख्य विकास अधिकारियों और पंचायत अधिकारियों को इस अभियान के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करें।
सीएम ने दोहराई प्राथमिकतामुख्यमंत्री ने दोहराया कि सरकार समरसता, सामाजिक न्याय और सबके लिए समान अधिकार के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी सरकारी नीति या कार्रवाई में किसी समुदाय, जाति या वर्ग के प्रति पूर्वग्रह का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी नीतियां संविधान और न्याय की भावना के अनुरूप है।
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