वाराणसी: शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा के निधन के बाद से उनके बेटे रामप्रकाश मिश्रा और बेटी नम्रता मिश्रा के बीच का झगड़ा उफान पर है। हालत ये है कि दोनों लोग पिता की तेरहवीं संस्कार अलग-अलग कर रहे हैं। दो जगहों से निमंत्रण कार्ड मिलने की वजह से रिश्तेदार और परिचित दुविधा में हैं कि 14 अक्टूबर को किस कार्यक्रम में जाया जाए। दरअसल, भाई-बहन की विवाद का जड़ छन्नूलाल मिश्र का वो पुराना घर है जिसे नम्रता मिश्रा ने बेच दिया था।
रामप्रकाश मिश्रा लगातार आरोप लगा रहे कि नम्रता ने अन्य भाई-बहनों को बताए बगैर पुश्तैनी घर बेच दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिलने आने पर भी नम्रता ने नकली रिश्तेदारों को उनके सामने पेश कर दिया था। वह संपत्ति के लिए घर में कलह डाल रही हैं। वहीं, नम्रता का कहना है कि छन्नूलाल मिश्र बीमारी के चलते पिछले तीन सालों से उनके साथ रह रहे थे। पुश्तैनी घर पिता ने उनको गिफ्ट डीड में दिया था। उन्होंने पिता की बीमारी और कर्ज के चलते मकान बेचा था। नम्रता ने दावा किया कि उनकी मां ने भी जीते जी रामकुमार मिश्रा को नकार दिया था।
बड़े भाई ने मुंडन तक नहीं कराया: नम्रतानम्रता मिश्रा ने अपने बड़े भाई रामकुमार मिश्रा पर परंपराओं का निर्वहन न करने और पिता की सनातन की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। नम्रता के अनुसार, रामकुमार ने त्रैरात्र में ही सारे कर्मकांड कर दिए क्योंकि उनके पास समय नहीं था और उन्होंने मुंडन भी नहीं कराया। उनके भाई मानसिक रूप से दिवालिया हो गए हैं और वह अपने भाई पर मानहानि का मुकदमा कर सकती हैं। नम्रता गायन की विरासत को आगे ले जाने का दावा कर रही हैं।
रामकुमार ने नम्रता से 13 दिन शांत रहने की अपील कीदूसरी ओर, रामकुमार मिश्रा ने बहन पर धोखा देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सनातन पद्धति के अनुसार दसवां और तेरहवीं वह या उनके बेटे राहुल (जिसने मुखाग्नि दी) ही करेंगे। नम्रता मिश्रा का ऐसा करना स्वीकार या मान्य नहीं है। उन्होंने बहन से 13 दिन शांत रहने की अपील की है।
2 अक्टूबर को हुआ छन्नूलाल मिश्रा का देहांतरामकुमार मिश्रा ने तेरहवीं का स्थान वाराणसी में हनुमान प्रसाद पोद्दार, अंध विद्यालय, दुर्गाकुंड रखा है। वहीं, नम्रता मिश्रा ने स्वास्तिक नगर कालोनी, केशरीपुर पर तेरहवीं का आयोजन किया है। आपको बता दें कि पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन 2 अक्टूबर को हुआ था।
रामप्रकाश मिश्रा लगातार आरोप लगा रहे कि नम्रता ने अन्य भाई-बहनों को बताए बगैर पुश्तैनी घर बेच दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिलने आने पर भी नम्रता ने नकली रिश्तेदारों को उनके सामने पेश कर दिया था। वह संपत्ति के लिए घर में कलह डाल रही हैं। वहीं, नम्रता का कहना है कि छन्नूलाल मिश्र बीमारी के चलते पिछले तीन सालों से उनके साथ रह रहे थे। पुश्तैनी घर पिता ने उनको गिफ्ट डीड में दिया था। उन्होंने पिता की बीमारी और कर्ज के चलते मकान बेचा था। नम्रता ने दावा किया कि उनकी मां ने भी जीते जी रामकुमार मिश्रा को नकार दिया था।
बड़े भाई ने मुंडन तक नहीं कराया: नम्रतानम्रता मिश्रा ने अपने बड़े भाई रामकुमार मिश्रा पर परंपराओं का निर्वहन न करने और पिता की सनातन की छवि खराब करने का आरोप लगाया है। नम्रता के अनुसार, रामकुमार ने त्रैरात्र में ही सारे कर्मकांड कर दिए क्योंकि उनके पास समय नहीं था और उन्होंने मुंडन भी नहीं कराया। उनके भाई मानसिक रूप से दिवालिया हो गए हैं और वह अपने भाई पर मानहानि का मुकदमा कर सकती हैं। नम्रता गायन की विरासत को आगे ले जाने का दावा कर रही हैं।
रामकुमार ने नम्रता से 13 दिन शांत रहने की अपील कीदूसरी ओर, रामकुमार मिश्रा ने बहन पर धोखा देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सनातन पद्धति के अनुसार दसवां और तेरहवीं वह या उनके बेटे राहुल (जिसने मुखाग्नि दी) ही करेंगे। नम्रता मिश्रा का ऐसा करना स्वीकार या मान्य नहीं है। उन्होंने बहन से 13 दिन शांत रहने की अपील की है।
2 अक्टूबर को हुआ छन्नूलाल मिश्रा का देहांतरामकुमार मिश्रा ने तेरहवीं का स्थान वाराणसी में हनुमान प्रसाद पोद्दार, अंध विद्यालय, दुर्गाकुंड रखा है। वहीं, नम्रता मिश्रा ने स्वास्तिक नगर कालोनी, केशरीपुर पर तेरहवीं का आयोजन किया है। आपको बता दें कि पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन 2 अक्टूबर को हुआ था।
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