नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के वर्ष भर चलने वाले स्मरणोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा।
पीएम मोदी के बाद अब बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जानबूझकर वंदे मातरम् से मां दुर्गा के छंद हटवा दिया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, हमारी युवा पीढ़ी के लिए यह जानना जरूरी है कि कैसे नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी ने अपने सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए 1937 के फैजपुर अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रगीत के रूप में केवल एक संक्षिप्त वंदे मातरम् को अपनाया।
कांग्रेस ने हटाए मां दुर्गा के छंद: बीजेपी
उन्होंने आगे कहा कि 'गौरवशाली वंदे मातरम् हमारे राष्ट्र की एकता और एकजुटता की आवाज बन गया, जिसने हमारी मातृभूमि का सम्मान किया। राष्ट्रवादी भावना का संचार किया और देशभक्ति को बढ़ावा दिया। अंग्रेजों ने इसे गाने पर आपराधिक कृत्य घोषित कर दिया था। यह किसी विशेष धर्म या भाषा से संबंधित नहीं था। लेकिन कांग्रेस ने इस गीत को धर्म से जोड़ने का ऐतिहासिक पाप और भूल की। नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर जानबूझकर वंदे मातरम् के उन छंदों को हटा दिया जिनमें देवी मां दुर्गा का गुणगान किया गया था।'
नेहरू के लेटर का दिया हवाला
सोशल मीडिया पर लेटर शेयर करते हुए सीआर केसवन ने कहा, 1 सितंबर 1937 को नेहरू द्वारा लिखे गए पत्र में द्वेषपूर्ण ढंग से लिखा कि वंदे मातरम् के शब्दों को देवी से संबंधित मानना बेतुका है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में यह भी कहा कि वंदे मातरम् राष्ट्रीय गीत के रूप में उपयुक्त नहीं है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने की थी वंदे मातरम् के पूर्ण संस्करण की वकालत
सीआर केसवन ने दावा किया कि नेताजी सुभाष बोस ने वंदे मातरम् के पूर्ण मूल संस्करण की पुरजोर वकालत की थी। 20 अक्टूबर, 1937 को नेहरू ने नेताजी बोस को पत्र लिखकर दावा किया कि वंदे मातरम् की पृष्ठभूमि मुसलमानों को नाराज कर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि वंदे मातरम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में ठोस तथ्य दिखाई देते हैं और सांप्रदायिक प्रवृत्ति वाले लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा, 1937 में अगर कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू ने वंदे मातरम् को छोटा करके देवी मां दुर्गा का उल्लेख हटा दिया था। वहीं तो मार्च 2024 में राहुल गांधी ने द्वेषपूर्ण टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, कि नेहरू की प्रतिध्वनि राहुल गांधी में दिखती है।
पीएम मोदी के बाद अब बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कांग्रेस पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जानबूझकर वंदे मातरम् से मां दुर्गा के छंद हटवा दिया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, हमारी युवा पीढ़ी के लिए यह जानना जरूरी है कि कैसे नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी ने अपने सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए 1937 के फैजपुर अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रगीत के रूप में केवल एक संक्षिप्त वंदे मातरम् को अपनाया।
कांग्रेस ने हटाए मां दुर्गा के छंद: बीजेपी
उन्होंने आगे कहा कि 'गौरवशाली वंदे मातरम् हमारे राष्ट्र की एकता और एकजुटता की आवाज बन गया, जिसने हमारी मातृभूमि का सम्मान किया। राष्ट्रवादी भावना का संचार किया और देशभक्ति को बढ़ावा दिया। अंग्रेजों ने इसे गाने पर आपराधिक कृत्य घोषित कर दिया था। यह किसी विशेष धर्म या भाषा से संबंधित नहीं था। लेकिन कांग्रेस ने इस गीत को धर्म से जोड़ने का ऐतिहासिक पाप और भूल की। नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर जानबूझकर वंदे मातरम् के उन छंदों को हटा दिया जिनमें देवी मां दुर्गा का गुणगान किया गया था।'
It is imperative for our younger generation to know how the Congress party brazenly pandering to its communal agenda under the Presidentship of Nehru, adopted only a truncated Vande Mataram as the party’s national song in its 1937 Faizpur Session , while PM @narendramodi ji today… pic.twitter.com/13NBta11OV
— C.R.Kesavan (@crkesavan) November 7, 2025
नेहरू के लेटर का दिया हवाला
सोशल मीडिया पर लेटर शेयर करते हुए सीआर केसवन ने कहा, 1 सितंबर 1937 को नेहरू द्वारा लिखे गए पत्र में द्वेषपूर्ण ढंग से लिखा कि वंदे मातरम् के शब्दों को देवी से संबंधित मानना बेतुका है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में यह भी कहा कि वंदे मातरम् राष्ट्रीय गीत के रूप में उपयुक्त नहीं है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने की थी वंदे मातरम् के पूर्ण संस्करण की वकालत
सीआर केसवन ने दावा किया कि नेताजी सुभाष बोस ने वंदे मातरम् के पूर्ण मूल संस्करण की पुरजोर वकालत की थी। 20 अक्टूबर, 1937 को नेहरू ने नेताजी बोस को पत्र लिखकर दावा किया कि वंदे मातरम् की पृष्ठभूमि मुसलमानों को नाराज कर सकती है। उन्होंने आगे कहा कि वंदे मातरम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में ठोस तथ्य दिखाई देते हैं और सांप्रदायिक प्रवृत्ति वाले लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
बीजेपी प्रवक्ता ने आगे कहा, 1937 में अगर कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में नेहरू ने वंदे मातरम् को छोटा करके देवी मां दुर्गा का उल्लेख हटा दिया था। वहीं तो मार्च 2024 में राहुल गांधी ने द्वेषपूर्ण टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा, कि नेहरू की प्रतिध्वनि राहुल गांधी में दिखती है।
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