नई दिल्ली : स्थानीय शेयर बाजार की दिशा इस सप्ताह महंगाई के आंकड़ों, कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों और वैश्विक रुख से तय होगी। इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की गतिविधियां भी शेयर बाजार के रुख को प्रभावित करेंगी जो अब तक भारतीय बाजार से 1.5 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। वैश्विक स्तर पर सभी की निगाहें अमेरिका में शटडाउन पर रहेगी। विश्लेषकों ने यह राय जताई है।
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि कई प्रमुख वृहद आर्थिक आंकड़े जारी होने वाले हैं। घरेलू मोर्चे पर, भारत के सीपीआई आधारित महंगाई और थोक महंगाई के आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो महंगाई की दिशा और नीतिगत दृष्टिकोण के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि सप्ताह के दौरान ओएनजीसी, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील और ऑयल इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजों आएंगे, जिन पर सभी की निगाह रहेगी। इसके साथ रुपये-डॉलर का रुख और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
विदेशी कारकऑनलाइन ट्रेडिंग और संपदा प्रबंधन कंपनी एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने कहा, ‘‘इस सप्ताह कई प्रमुख घरेलू और वैश्विक वृहद आर्थिक कारक बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे। घरेलू मोर्चे पर, अक्टूबर के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई के आंकड़ों पर कड़ी नजर रखी जाएगी, क्योंकि इससे निवेशकों को ब्याज दर के भविष्य के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलने की संभावना है।’’
उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर, सभी की निगाहें अमेरिका में शटडाउन पर रहेगी। इसकी वजह से महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों को जारी नहीं किया जा सका है जिससे निवेशकों और नीति-निर्माताओं को वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं मिल पा रही है। बीते कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 722.43 अंक या 0.86 प्रतिशत और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 229.8 अंक या 0.89 प्रतिशत नीचे आया।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आगे चलकर, बाजार की दिशा आगामी घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों, एफआईआई प्रवाह, अमेरिकी सरकार के शटडाउन से संबंधित घटनाक्रमों और अमेरिका, भारत और चीन के बीच व्यापार वार्ता में प्रगति पर निर्भर करेगी।’’
रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष-शोध अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह महत्वपूर्ण रहेगा, क्योंकि कई प्रमुख वृहद आर्थिक आंकड़े जारी होने वाले हैं। घरेलू मोर्चे पर, भारत के सीपीआई आधारित महंगाई और थोक महंगाई के आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो महंगाई की दिशा और नीतिगत दृष्टिकोण के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।’’
उन्होंने कहा कि सप्ताह के दौरान ओएनजीसी, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, टाटा स्टील और ऑयल इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजों आएंगे, जिन पर सभी की निगाह रहेगी। इसके साथ रुपये-डॉलर का रुख और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे।
विदेशी कारकऑनलाइन ट्रेडिंग और संपदा प्रबंधन कंपनी एनरिच मनी के सीईओ पोनमुडी आर ने कहा, ‘‘इस सप्ताह कई प्रमुख घरेलू और वैश्विक वृहद आर्थिक कारक बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे। घरेलू मोर्चे पर, अक्टूबर के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई के आंकड़ों पर कड़ी नजर रखी जाएगी, क्योंकि इससे निवेशकों को ब्याज दर के भविष्य के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलने की संभावना है।’’
उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक स्तर पर, सभी की निगाहें अमेरिका में शटडाउन पर रहेगी। इसकी वजह से महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों को जारी नहीं किया जा सका है जिससे निवेशकों और नीति-निर्माताओं को वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं मिल पा रही है। बीते कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 722.43 अंक या 0.86 प्रतिशत और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 229.8 अंक या 0.89 प्रतिशत नीचे आया।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘आगे चलकर, बाजार की दिशा आगामी घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों, एफआईआई प्रवाह, अमेरिकी सरकार के शटडाउन से संबंधित घटनाक्रमों और अमेरिका, भारत और चीन के बीच व्यापार वार्ता में प्रगति पर निर्भर करेगी।’’
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