नई दिल्ली: दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर हर साल व्यापक स्तर पर छठ पूजा का आयोजन किया जाता है। दिल्ली सरकार छठ पर्व के आयोजन के लिए कई तरह की सुविधाएं भी देती है। इसी कड़ी में दिल्ली सरकार ने मुनक नहर के किनारे अब दिल्ली के सबसे लंबे छठ घाट का निर्माण का प्लान बनाया है। छठ घाट के निर्माण पर कुल 35 करोड़ रुपये खर्च का एस्टिमेट बनाया गया है। छठ घाट करीब 6 किमी लंबा होगा और इसका निर्माण सिंचाई व बाढ़ विभाग को करना है।
चार महीने में पूरा करना होगा काम
अफसरों के अनुसार, शालीमार बाग झुग्गी-बस्ती इलाके में कुछ दूरी तक मुनक नहर पूरी तरह से सुख गई है। थोड़ा-बहुत पानी है, तो वह बेहद गंदा है। इसी स्ट्रेच में एक बड़ी आबादी हर साल छठ पूजा का आयोजन करती है। मुनक नहर के इसी हिस्से को रेनोवेशन कर छठ घाट बनाया जाएगा। नहर के इस हिस्से की कुल लंबाई करीब 6 किमी है। पूरे स्ट्रेच को ही छठ घाट के रूप में डिवेलप करने का प्लान है। इसमें से 1.89 लाख वर्ग मीटर एरिया को लेवलिंग कर छठ का निर्माण किया जाएगा। कुछ जगहों पर आर्टिफिशल तालाब भी बनाए जाएंगे। छठ घाट का निर्माण करीब चार महीने में पूरा करने की डेडलाइन है।
छठ घाटों की संख्या तेजी से बढ़ी है
पिछले 10 सालों में छठ घाटों की संख्या 69 से बढ़कर 950 हो गई है। साल 2014 में छठ घाटों की संख्या सिर्फ 69 थी। कोविड के बाद छठ घाटों की संख्या तेजी से बढ़ी। 2018 और 2019 में 1000 से अधिक घाटों पर पूजा का आयोजन किया गया था। छठ पूजा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी इसी तरह बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए नए छठ घाटों का निर्माण जरूरी है।
एलिवेटिड कॉरिडोर का ही है प्रोजेक्ट
अफसरों का कहना है कि छठ घाट के सौंदर्गीकरण के साथ-साथ महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम, फीडिंग रूम, स्थायी शौचालय और सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। छठ घाट प्रोजेक्ट मुनक नहर पर बनने वाला 20 किमी लंबे एलिवेटिड कॉरिडोर का ही प्रोजेक्ट होगा। लेकिन, छठ घाट का निर्माण सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग करेगा।
चार महीने में पूरा करना होगा काम
अफसरों के अनुसार, शालीमार बाग झुग्गी-बस्ती इलाके में कुछ दूरी तक मुनक नहर पूरी तरह से सुख गई है। थोड़ा-बहुत पानी है, तो वह बेहद गंदा है। इसी स्ट्रेच में एक बड़ी आबादी हर साल छठ पूजा का आयोजन करती है। मुनक नहर के इसी हिस्से को रेनोवेशन कर छठ घाट बनाया जाएगा। नहर के इस हिस्से की कुल लंबाई करीब 6 किमी है। पूरे स्ट्रेच को ही छठ घाट के रूप में डिवेलप करने का प्लान है। इसमें से 1.89 लाख वर्ग मीटर एरिया को लेवलिंग कर छठ का निर्माण किया जाएगा। कुछ जगहों पर आर्टिफिशल तालाब भी बनाए जाएंगे। छठ घाट का निर्माण करीब चार महीने में पूरा करने की डेडलाइन है।
छठ घाटों की संख्या तेजी से बढ़ी है
पिछले 10 सालों में छठ घाटों की संख्या 69 से बढ़कर 950 हो गई है। साल 2014 में छठ घाटों की संख्या सिर्फ 69 थी। कोविड के बाद छठ घाटों की संख्या तेजी से बढ़ी। 2018 और 2019 में 1000 से अधिक घाटों पर पूजा का आयोजन किया गया था। छठ पूजा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी इसी तरह बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए नए छठ घाटों का निर्माण जरूरी है।
एलिवेटिड कॉरिडोर का ही है प्रोजेक्ट
अफसरों का कहना है कि छठ घाट के सौंदर्गीकरण के साथ-साथ महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम, फीडिंग रूम, स्थायी शौचालय और सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। छठ घाट प्रोजेक्ट मुनक नहर पर बनने वाला 20 किमी लंबे एलिवेटिड कॉरिडोर का ही प्रोजेक्ट होगा। लेकिन, छठ घाट का निर्माण सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग करेगा।
You may also like
नेपाल के प्रधानमंत्री ओली का सोशल मीडिया खिलाफ सख्त रुख, Gen Z Rebellion का दिया हवाला
फ़ीस और रिज़र्व फंड की बढ़ोतरी के बीच भारतीय स्टूडेंट्स के लिए ऑस्ट्रेलिया की पढ़ाई कितनी आकर्षक?
बुरी से बुरी` नज़र से बचाएगा फिटकरी और रुई का उपाय ऐसे करें इसक उपयोग
तस्वीरों में: दुनिया ने ऐसे देखा 'ब्लड मून'
'द बंगाल फाइल्स' ने बॉक्स ऑफिस पर दिखाई धमक, रविवार को भी बढ़ी कमाई, पर 'द कश्मीर फाइल्स' से अभी कोसों दूर