US College Fees Return Rule: अमेरिका में हर साल हजारों भारतीय पढ़ाई करने जाते हैं। यहां एडमिशन के बाद स्टूडेंट वीजा लेना पड़ता है, जिसे पाना बेहद मुश्किल हो चुका है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार में तो स्टूडेंट वीजा, जिसे F-1 वीजा के तौर पर भी जाना जाता है, पाना ज्यादा कठिन बन गया है। भारतीयों के लिए पिछले साल अगस्त महीने तक की तुलना में अगस्त 2025 तक, वीजा अप्रूवल रेट 44% तक गिर गया, यानी लगभग हर दो में से एक वीजा आवेदन रिजेक्ट कर दिया गया।
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हालांकि, स्टूडेंट्स के पास दोबारा से वीजा के लिए अप्लाई करने का ऑप्शन होता है, लेकिन बहुत से छात्र ऐसे भी होते हैं, जो फिर से आवेदन नहीं करना चाहते हैं। दिक्कत तब पैदा होने लगती है, जब स्टूडेंट्स ने अमेरिका में कॉलेज की फीस भर दी होती है, लेकिन वीजा रिजेक्ट होने के बाद उनके लिए वहां जाने का रास्ता बंद हो जाता है। उन्हें समझ नहीं आता है कि जिस फीस को उन्होंने कॉलेज में जमा किया है, क्या वो अब उन्हें दोबारा मिलेगी या नहीं। आइए आज इसी सवाल का जवाब जानते हैं।
क्या रिफंड होती है कॉलेज की फीस?
अगर आपने कॉलेज फीस भर दी है, मगर वीजा रिजेक्ट हो गया, तो फिर रिफंड से जुड़ी समस्या का समाधान अमेरिकी दूतावास या वीजा ऑफिस नहीं करेगा। जमा की गई फीस मिलने की संभावना इस बात पर निर्भर होगी कि आपने जिस यूनिवर्सिटी-कॉलेज में अप्लाई किया है, वहां की रिफंड पॉलिसी क्या है। वैसे अमेरिका में हर यूनिवर्सिटी-कॉलेज की अपनी डिटेल वाली रिफंड पॉलिसी होती है। रिफंड-पॉलिसी में ये भी बताया गया होता है कि अगर कोई वीजा रिजेक्शन की वजह से पढ़ने नहीं आ सकता है, तो फिर उसके लिए रिफंड-पॉलिसी क्या है। उसे किस तरह से उसके पैसे मिलेंगे।
ज्यादातर यूनिवर्सिटी-कॉलेज पूरी या थोड़ी ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस और अन्य कोर्स से संबंधित फीस लौटा देती हैं। उदाहरण के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू इंग्लैंड की रिफंड पॉलिसी में कहा गया है कि अगर आपने पहले तीन सेमेस्टर की फीस भर दी है, स्टूडेंट हेल्थ कवर भी ले लिया है, तो आपको आंशिक तौर पर रिफंड मिल जाएगा। यूनिवर्सिटी सिर्फ ट्यूशन फीस में से 500 डॉलर रख लेती है और बाकी की फीस लौटा दी जाती है। बता दें कि यूएस में ज्यादातर कॉलेज एडमिशन के समय पूरी ट्यूशन फीस नहीं लेते हैं, बल्कि एक या दो सेमेस्टर की फीस ही अडवांस में ली जाती है।
रिफंड का प्रोसेस क्या है?
सबसे पहले आपको वीजा ऑफिस या अमेरिकी दूतावास से वीजा रिजेक्शन लेटर हासिल करना होगा, जिसमें वीजा नहीं मिलने की वजह बताई गई होती है। फिर यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफिस या एडमिशन डिपार्टमेंट से संपर्क करना होगा। यहां आपको बताया जाएगा कि आप किस तरह रिफंड हासिल कर सकते हैं।
आमतौर पर आपको एक रिफंड एप्लिकेशन फॉर्म भरना पड़ता है, जिसे यूनिवर्सिटी खुद देती है। इसके साथ आपको वीजा रिजेक्शन लेटर लगाना पड़ता है। साथ ही आपको I-20 Form भी लगाना होगा। आपको कॉलेज में दी गई फीस के सबूत भी दिखाने होंगे, जो बैंक रिसीट या पैसे ट्रांसफर करने का रिकॉर्ड हो सकता है। एप्लिकेशन फॉर्म जमा करने के बाद अमूमन 4 से 8 हफ्तों में पैसा रिफंड हो जाता है।
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हालांकि, स्टूडेंट्स के पास दोबारा से वीजा के लिए अप्लाई करने का ऑप्शन होता है, लेकिन बहुत से छात्र ऐसे भी होते हैं, जो फिर से आवेदन नहीं करना चाहते हैं। दिक्कत तब पैदा होने लगती है, जब स्टूडेंट्स ने अमेरिका में कॉलेज की फीस भर दी होती है, लेकिन वीजा रिजेक्ट होने के बाद उनके लिए वहां जाने का रास्ता बंद हो जाता है। उन्हें समझ नहीं आता है कि जिस फीस को उन्होंने कॉलेज में जमा किया है, क्या वो अब उन्हें दोबारा मिलेगी या नहीं। आइए आज इसी सवाल का जवाब जानते हैं।
क्या रिफंड होती है कॉलेज की फीस?
अगर आपने कॉलेज फीस भर दी है, मगर वीजा रिजेक्ट हो गया, तो फिर रिफंड से जुड़ी समस्या का समाधान अमेरिकी दूतावास या वीजा ऑफिस नहीं करेगा। जमा की गई फीस मिलने की संभावना इस बात पर निर्भर होगी कि आपने जिस यूनिवर्सिटी-कॉलेज में अप्लाई किया है, वहां की रिफंड पॉलिसी क्या है। वैसे अमेरिका में हर यूनिवर्सिटी-कॉलेज की अपनी डिटेल वाली रिफंड पॉलिसी होती है। रिफंड-पॉलिसी में ये भी बताया गया होता है कि अगर कोई वीजा रिजेक्शन की वजह से पढ़ने नहीं आ सकता है, तो फिर उसके लिए रिफंड-पॉलिसी क्या है। उसे किस तरह से उसके पैसे मिलेंगे।
ज्यादातर यूनिवर्सिटी-कॉलेज पूरी या थोड़ी ट्यूशन फीस, हॉस्टल फीस और अन्य कोर्स से संबंधित फीस लौटा देती हैं। उदाहरण के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू इंग्लैंड की रिफंड पॉलिसी में कहा गया है कि अगर आपने पहले तीन सेमेस्टर की फीस भर दी है, स्टूडेंट हेल्थ कवर भी ले लिया है, तो आपको आंशिक तौर पर रिफंड मिल जाएगा। यूनिवर्सिटी सिर्फ ट्यूशन फीस में से 500 डॉलर रख लेती है और बाकी की फीस लौटा दी जाती है। बता दें कि यूएस में ज्यादातर कॉलेज एडमिशन के समय पूरी ट्यूशन फीस नहीं लेते हैं, बल्कि एक या दो सेमेस्टर की फीस ही अडवांस में ली जाती है।
रिफंड का प्रोसेस क्या है?
सबसे पहले आपको वीजा ऑफिस या अमेरिकी दूतावास से वीजा रिजेक्शन लेटर हासिल करना होगा, जिसमें वीजा नहीं मिलने की वजह बताई गई होती है। फिर यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल स्टूडेंट ऑफिस या एडमिशन डिपार्टमेंट से संपर्क करना होगा। यहां आपको बताया जाएगा कि आप किस तरह रिफंड हासिल कर सकते हैं।
आमतौर पर आपको एक रिफंड एप्लिकेशन फॉर्म भरना पड़ता है, जिसे यूनिवर्सिटी खुद देती है। इसके साथ आपको वीजा रिजेक्शन लेटर लगाना पड़ता है। साथ ही आपको I-20 Form भी लगाना होगा। आपको कॉलेज में दी गई फीस के सबूत भी दिखाने होंगे, जो बैंक रिसीट या पैसे ट्रांसफर करने का रिकॉर्ड हो सकता है। एप्लिकेशन फॉर्म जमा करने के बाद अमूमन 4 से 8 हफ्तों में पैसा रिफंड हो जाता है।
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