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जरूरी खबर! सैटेलाइट टोल सिस्टम से जुड़ी अफवाह पर केंद्र ने कह दी बड़ी बात, एक मई से लागू नहीं होगा

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Satellite Toll System In India: भारत में सैटेलाइट टोल सिस्टम की अफवाहों को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ी बात कही है। जी हां, केंद्र सरकार ने साफ किया है कि 1 मई से सैटेलाइट से चलने वाला टोल सिस्टम शुरू नहीं होगा। दरअसल, कुछ खबरों में कहा जा रहा था कि पूरे देश में यह सिस्टम एक मई से लागू हो जाएगा और फास्टैग वाला सिस्टम बंद हो जाएगा। सरकार ने इन खबरों को गलत बताया है।सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि उन्होंने सैटेलाइट टोल सिस्टम से जुड़ा ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है। टोल प्लाजा पर गाड़ियों को बिना रुके निकलने देने के लिए कुछ जगहों पर ‘एएनपीआर-फास्टैग बेस्ट बैरियर-लैस टोलिंग सिस्टम’ लगाया जाएगा। यह सिस्टम नंबर प्लेट और फास्टैग दोनों से टोल लेगा। यह नया सिस्टम होगा कारगरआपको बता दें कि सरकार टोल प्लाजा पर गाड़ियों को बिना रुकावट के निकालने का तरीका ढूंढ़ रही है। इसके लिए एएनपीआर-फास्टैग बेस्ट बैरियर-लैस टोलिंग सिस्टम शुरू किया जाएगा। यह सिस्टम कुछ टोल प्लाजा पर ही लगेगा। यह नया सिस्टम दो चीजों को मिलाकर बनाया गया है। पहला है ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR)टेक्नॉलजी। यह टेक्नॉलजी नंबर प्लेट को पढ़कर गाड़ी की पहचान करती है। दूसरा है फास्टैग सिस्टम। यह रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) पर काम करता है। image बढ़िया कैमरे की मदद से काम होगा आसानएएनपीआर-फास्टैग बेस्ट बैरियर-लैस टोलिंग सिस्टम में बढ़िया कैमरे लगे होंगे। ये कैमरे गाड़ियों के नंबर प्लेट को पहचान लेंगे। साथ ही, फास्टैग रीडर भी लगे होंगे, जो कि रीडर फास्टैग को स्कैन कर लेंगे। इससे गाड़ियों को टोल प्लाजा पर रुकने की जरूरत नहीं होगी। मंत्रालय ने यह भी बताया कि अगर कोई गाड़ी टोल नहीं देती ह तो उसे ई-नोटिस भेजा जाएगा। उसका फास्टैग भी कैंसल किया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ऐसे में यूजर्स के लिए टोल भरना जरूरी है। देशभर में 855 टोल प्लाजाआपको बता दें कि भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों (NH) पर लगभग 855 टोल प्लाजा हैं। इनमें से 675 सरकारी हैं, जबकि 180 या उससे ज्यादा प्राइवेट कंपनियां चलाती हैं। इस महीने की शुरुआत में एनएचएआई ने टोल टैक्स भी बढ़ा दिया था। यह बढ़ोतरी लगभग 4 से 5 फीसदी थी। एनएचएआई ने कहा कि लागत बढ़ने की वजह से उन्हें यह कदम उठाना पड़ा।
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