सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर चुनाव आयोग और राज्य निर्वाचन अधिकारियों को महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा है कि अब मतदाता सूची सुधार प्रक्रिया में इस्तेमाल किए जाने वाले 11 दस्तावेजों में आधार कार्ड को भी शामिल किया जाए। साथ ही, कोर्ट ने बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) को आदेश दिया है कि वे इस फैसले की जानकारी तुरंत सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को दें।
फिलहाल नहीं बढ़ेगी समय सीमा#WATCH | On Bihar SIR case in SC, Advocate Satyam Singh Rajput says, "The SC has fixed the next date of hearing on September 8. The court has stated that all political parties should file an affidavit, and BLAs should assist in filing Form 6, and Aadhar will be accepted as a… pic.twitter.com/q5A7xkqH1x
— ANI (@ANI) August 22, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि फिलहाल SIR की समय सीमा 1 सितंबर तक ही रहेगी। अदालत ने कहा कि अगर बड़े पैमाने पर आपत्तियां और आवेदन सामने आते हैं, तो डेडलाइन बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है। यानी अभी के लिए किसी प्रकार की अतिरिक्त मोहलत नहीं दी जाएगी।
65 लाख नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बाहरसुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि करीब 65 लाख लोगों के नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल नहीं किए गए हैं। इसलिए कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों के BLA (बूथ स्तर के एजेंट) को निर्देश दिया है कि वे इस सूची को चेक करें और सुनिश्चित करें कि जिन लोगों के नाम गायब हैं, उन्हें आवेदन करने में मदद मिले।
ऑनलाइन आवेदन ही पर्याप्त, फिजिकल फॉर्म जरूरी नहींसुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया:
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व्यक्तिगत लोग या BLA की मदद से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। फिजिकल फॉर्म जमा करना आवश्यक नहीं है।
अगर कोई फिजिकल फॉर्म जमा करता है तो संबंधित BLO (बूथ स्तर अधिकारी) को उसकी रसीद देनी होगी। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि यह रसीद यह साबित नहीं करेगी कि आवेदन हर तरह से पूरा है।
सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों (अध्यक्ष/कार्यकारी अध्यक्ष/महासचिव) को कोर्ट में रिपोर्ट पेश करनी होगी कि उन्होंने अपने स्तर पर क्या कदम उठाए।
बिहार में विपक्षी दल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि मतदाता सूची में गड़बड़ी करके लाखों मतदाताओं को बाहर किया गया है। इस बात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है ताकि वोटर लिस्ट पारदर्शी और निष्पक्ष बने। कोर्ट ने साफ कहा है कि सभी पक्षकारों को इस प्रक्रिया में बराबरी से शामिल किया जाए।
अगला कदम क्या होगा?बिहार के CEO जल्द ही सभी राजनीतिक दलों को नोटिस जारी करेंगे।
राजनीतिक दलों के BLA यह सुनिश्चित करेंगे कि जिनका नाम छूटा है, वे ऑनलाइन आवेदन करें।
कोर्ट की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी। अगली सुनवाई में राजनीतिक दलों की स्टेटस रिपोर्ट भी पेश की जाएगी।
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