राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बृहस्पतिवार को कई स्थानों पर बारिश के कारण दशहरा उत्सव में खलल पड़ा। बारिश से रावण के पुतले भीग गए और इस वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को इंद्रप्रस्थ रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित ‘रावण दहन’ कार्यक्रम में शामिल होना था, जिसे अचानक भारी बारिश के कारण रद्द कर दिया गया, जबकि अमित शाह बारिश के कारण पीतमपुरा में एक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।
इंद्रप्रस्थ रामलीला कमेटी के अध्यक्ष सुरेश बिंदल ने बताया , ‘‘बारिश के कारण प्रधानमंत्री समारोह में शामिल नहीं हो सके। बारिश के कारण पुतलों को नुकसान पहुंचा, जिनका (पुतलों का) बाद में केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, विधायक अरविंदर सिंह लवली और अन्य लोगों की मौजूदगी में दहन किया गया।’’
आयोजकों ने बताया कि जिस मैदान में रामलीला का आयोजन हो रहा था, वहां पानी भर गया था। उन्होंने बताया कि भारी बारिश के कारण अमित शाह पीतमपुरा के नेताजी सुभाष प्लेस स्थित डीडीए ग्राउंड में केशव रामलीला समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह बाद में पुतला दहन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
केशव रामलीला समिति के अध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा ने बताया कि वे शाह से अगले वर्ष मंच पर आने और पुतला दहन करने का अनुरोध करेंगे।
दिल्ली के उत्तर, उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिमी दिल्ली के कुछ हिस्सों में बृहस्पतिवार को भारी बारिश हुई।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, शाम 5:30 बजे तक पीतमपुरा स्थित मौसम निगरानी केंद्र ने 17.5 मिमी बारिश दर्ज की, रिज स्थित केंद्र ने 15.4 मिमी जबकि मयूर विहार केंद्र ने 9.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
अशोक विहार स्थित आदर्श रामलीला कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि भारी बारिश के कारण उन्हें रावण के पुतले को बचाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।
उन्होंने कहा, ‘‘हम बड़ी मुश्किल से इसे प्लास्टिक से ढक पाए, लेकिन फिर भी इसका अधिकांश हिस्सा भीग गया। पुतले पर पेट्रोल और डीजल डालकर उसे जलाने की कोशिश की गई लेकिन इसमें आग नहीं लग रही थी।’’
पीतमपुरा के आर्यन हेरिटेज फाउंडेशन के अनिल गर्ग ने बताया, ‘‘पुतले का 10 प्रतिशत से ज़्यादा हिस्सा भीग गया था क्योंकि हमने बाकी हिस्से को प्लास्टिक से ढक दिया था। पूजा में देरी हुई। जलभराव की समस्या भी थी। लेकिन सब कुछ भगवान की इच्छा से होता है, और हम बस यही उम्मीद करते हैं कि दहन अच्छे से हो और पुतले में आग लग जाए।’’
पूर्वी दिल्ली स्थित हनुमंत धार्मिक रामलीला कमेटी के कोषाध्यक्ष नितिन गुप्ता ने कहा, ‘‘बारिश हमारे लिए बहुत बड़ा झटका थी, जिससे हमारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। पुतले का एक बड़ा हिस्सा भीग गया, लेकिन बाकी हिस्से को हमने प्लास्टिक की चादरों से ढककर किसी तरह बचा लिया। ’’
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