लाइव हिंदी खबर :- अमेरिका में H-1B वीजा की एप्लीकेशन फीस बढ़ाने को लेकर मचे विवाद के बीच चीन ने टैलेंटेड प्रोफेशनल्स को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। चीन ने नया K वीजा प्रोग्राम शुरू किया है, जो खास तौर पर साइंस टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग और मैथ्स सेक्टर के युवाओं के लिए बनाया गया है।
इस प्रोग्राम का मकसद है कि चीन उन देशों की जगह भर सके जहां वीजा नियम लगातार सख्त किए जा रहे हैं। यह फैसला अगस्त में मंजूर हुआ था और 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा। K वीजा के तहत आवेदनकर्ताओं को ज्यादा प्रवेश की सुविधा, लंबी वैधता और देश में अधिक समय तक रुकने का मौका मिलेगा| इसके अलावा चीन हाल ही में 74 देश के नागरिकों को 30 दिन तक के वीजा फ्री एंट्री की भी सुविधा दी है।
अमेरिका की सख्ती के बाद चीन ने यह कदम एक मौके के रूप में उठाया है, ताकि वह दुनिया भर के टैलेंट को अपनी अर्थव्यवस्था और रिसर्च सेक्टर से जोड़ सके। इसे चीन की सॉफ्ट पॉवर बढ़ाने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त पाने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है।
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