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राजस्थान में मूसलाधार बारिश का असर: कोटा-दरा घाटी में पहाड़ का मलबा रेलवे ट्रैक पर गिरा, दिल्ली-मुंबई रूट बाधित, कई ट्रेनें लेट

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जयपुर/कोटा। राजस्थान में हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कोटा जिले के रामगंजमंडी इलाके में भारी वर्षा के कारण दरा घाटी में पहाड़ी से भूस्खलन हुआ, जिससे दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग बाधित हो गया। इस भूस्खलन के बाद मलबा और पत्थर ट्रैक पर गिर गए, जिसके चलते कोटा की तरफ से आने-जाने वाली करीब एक दर्जन ट्रेनों की रफ्तार थम गई। कई गाड़ियों को रावठा रोड, दरा, रामगंजमंडी और मोड़क स्टेशनों पर रोकना पड़ा।

कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि घटना सुबह लगभग 4 बजे मोड़क और दरा स्टेशन के बीच हुई। संरक्षा कारणों से ट्रेनों को तत्काल रोक दिया गया था। सुबह 8:30 बजे के आसपास एक ट्रैक पर आवाजाही शुरू कर दी गई, लेकिन फिलहाल यातायात पूरी तरह बहाल नहीं हो पाया है। रेलवे प्रशासन और कर्मचारी तेजी से मलबा हटाने और ट्रैक को सामान्य करने में जुटे हैं।


इस घटना से कई महत्वपूर्ण ट्रेनें प्रभावित हुई हैं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस-हजरत निजामुद्दीन गरीब रथ (12909), बांद्रा-जयपुर सुपरफास्ट (12979), बांद्रा-सूबेदारगंज वीकली स्पेशल (04126), मन्नारगुडी-भगत की कोठी सुपरफास्ट (22674), हरिद्वार-बांद्रा देहरादून एक्सप्रेस (19020), नई दिल्ली-इंदौर इंटरसिटी सुपरफास्ट (12416), निजामुद्दीन-मुंबई सेंट्रल दुरंतो (22210), गुवाहाटी-ओखा एक्सप्रेस (15636), नई दिल्ली-अंबेडकर नगर सुपरफास्ट (20156), बांद्रा-अमृतसर गोल्डन टेंपल मेल (12903) और मुंबई-जयपुर सुपरफास्ट (12955) शामिल हैं।

रेल मार्ग ही नहीं, दरा घाटी से गुजरने वाला नेशनल हाईवे 52 भी बारिश से प्रभावित हुआ है। नदी-नाले उफान पर आने के कारण यहां वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। भारी वाहन धीरे-धीरे घाटी पार कर रहे हैं, लेकिन कई जगहों पर जाम जैसी स्थिति बनी हुई है।

प्रदेश की राजधानी जयपुर में आज प्रात: 8 बजे से समाचार लिखे जाने तक लगातार मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। बारिश का यह दौर पूरे जयपुर शहर में हैं। विशेष रूप से जेएलएन मार्ग, जगतपुरा महल रोड, आगरा रोड, सीस्कीम, टोक रोड़ पर लगातार हो रही बारिश के चलते जल भराव होने लग गया है। रोड पर चलता हुआ यातायात कुछ कम हो गया है।

गौरतलब है कि इससे पूर्व राजधानी जयपुर और आसपास के जिलों में भी मंगलवार को भी अचानक मौसम ने करवट ली। सुबह तक धूप और उमस बनी रही, लेकिन दोपहर बाद आसमान में काले बादल छा गए और शहर के कई हिस्सों—सी-स्कीम, सोडाला, लालकोठी, 22 गोदाम, रामबाग सर्किल और टोंक फाटक—में झमाझम बारिश हुई। कई सड़कों पर पानी भर गया और यातायात बाधित हुआ।

मौसम विभाग ने पहले येलो अलर्ट जारी किया था, लेकिन दोपहर बाद इसे ऑरेंज अलर्ट में बदल दिया गया। विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में बारिश का यह दौर जारी रहेगा और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

उधर, भीलवाड़ा में तेज बारिश के चलते जिला प्रशासन ने स्कूल संचालकों को छुट्टी न करने और बच्चों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, बीगोद क्षेत्र में मातृकुंडिया बांध से छोड़े गए पानी के कारण बनास नदी उफान पर है और त्रिवेणी नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे आसपास के गांवों का संपर्क टूट गया है।

राजस्थान में मानसून की यह तेज बारिश जहां किसानों के लिए राहत लेकर आई है, वहीं रेलवे और सड़क मार्ग से यात्रा करने वाले लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है।

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