भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई 2025 को हुए संघर्षविराम समझौते की अवधि 18 मई 2025 को समाप्त हो गई। यह समझौता दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता से हुआ था। हालांकि, संघर्षविराम की समाप्ति के बाद दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन के आरोप लगाए हैं।
इस समझौते के तहत दोनों देशों ने एक-दूसरे पर हमले न करने का वादा किया था। हालांकि, समझौते की समाप्ति के बाद, दोनों देशों ने एक-दूसरे पर उल्लंघन के आरोप लगाए हैं। भारत सरकार के अनुसार, पाकिस्तान ने श्रीनगर और जम्मू-कश्मीर के कुछ क्षेत्रों में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। वहीं, पाकिस्तान ने भी भारत पर आरोप लगाया है कि उसने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हमले किए हैं। इस स्थिति में, दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है और भविष्य में संघर्ष विराम की स्थिति पर अनिश्चितता बनी हुई है।
इस घटनाक्रम के बाद, भारत सरकार ने पाकिस्तान से जवाब तलब किया है और भविष्य में ऐसे उल्लंघनों से बचने के लिए कड़े कदम उठाने की बात की है। वहीं, पाकिस्तान ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि भारत की रिपोर्टें झूठी हैं। इस स्थिति में, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक वार्ता की आवश्यकता और भी बढ़ गई है ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके।
इस संघर्ष विराम समझौते की समाप्ति ने दोनों देशों के रिश्तों में एक नई चुनौती पेश की है, और अब यह देखना होगा कि दोनों देश इस स्थिति से कैसे निपटते हैं और क्या भविष्य में कोई नया समझौता होता है या नहीं।
संघर्षविराम समझौते की पृष्ठभूमि
7 मई 2025 को भारत द्वारा पाकिस्तान में कथित आतंकवादी ठिकानों पर हमले के बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हुआ था। इस हमले के बाद कश्मीर में विस्फोटों और रॉकेट हमलों की घटनाओं ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने संयुक्त रूप से संघर्षविराम की घोषणा की, जिसे अमेरिकी और ब्रिटिश मध्यस्थता से संभव बनाया गया।
संघर्षविराम की समाप्ति और उल्लंघन के आरोप
समझौते की समाप्ति के बाद, 18 मई को जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में विस्फोटों की आवाजें सुनाई दीं। कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इन विस्फोटों की पुष्टि की और इसे संघर्षविराम के उल्लंघन के रूप में देखा। पाकिस्तान ने भी भारत पर संघर्षविराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी संघर्षविराम और संवाद की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने दोनों देशों से मौजूदा समझौतों का सम्मान करने की अपील की है। लैमी ने विशेष रूप से भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के कदम को पाकिस्तान के लिए उत्तेजक बताया है।
भविष्य की दिशा
हालांकि संघर्षविराम की अवधि समाप्त हो गई है, लेकिन दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से दोनों देशों को संयम बरतने और द्विपक्षीय संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालने की सलाह दी जा रही है।
यह घटनाक्रम दर्शाता है कि संघर्षविराम केवल एक अस्थायी समाधान हो सकता है, और स्थायी शांति के लिए दोनों देशों के बीच गहन और निरंतर संवाद की आवश्यकता है।
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