कोलकाता, 4 सितंबर . केंद्र सरकार ने जीएसटी स्लैब की दरों को घटा दिया है. इस फैसले का भाजपा नेता दिलीप घोष ने स्वागत किया है. उन्होंने से बातचीत में कहा कि सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में देश की जनता से कर प्राप्त हो रहा है. इसी को देखते हुए सरकार ने सोचा कि अब देश की जनता को आर्थिक मोर्चे पर राहत प्रदान करनी चाहिए. इसी को देखते हुए यह कदम उठाया गया.
उन्होंने कहा कि सरकार ने यह अच्छा कदम उठाया है. निश्चित तौर पर लोगों को इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उन्हें इतनी राहत मिलेगी. अब लोगों को राहत मिलेगी. पहले लोग आर्थिक दबाव का सामना कर रहे थे. लेकिन, निश्चित तौर पर सरकार के इस फैसले के बाद लोगों को आर्थिक मोर्चे पर बड़ी राहत मिलेगी. उन्हें आर्थिक मोर्चे पर किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना होगा. हमारी सरकार देश की जनता के बारे में सोचती है. हमारी सरकार की यही कोशिश रहती है कि जनता को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं हो.
भाजपा नेता ने कहा कि जीएसटी स्लैब में बदलाव करके हमारी सरकार ने यह भी साबित करके दिखाया है कि मौजूदा समय में हमारा देश आर्थिक रूप से पूरी तरह सशक्त है. उसे किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है, क्योंकि कई लोग लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि देश में आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें हैं. लेकिन, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. इस फैसले ने निश्चित तौर पर यह साबित करके दिखा दिया है कि देश को आर्थिक मोर्चे पर किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं है.
घोष ने कहा कि हमारे देश की खास बात यह है कि यहां की जनता टैक्स देने से घबराती नहीं है. इसी को देखते हुए हमारी सरकार ने यह फैसला लिया है. इससे यह भी साफ जाहिर होता है कि हम आर्थिक रूप से पूरी तरह सशक्त हैं.
उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण को देश के लिए जरूरी बताया और कहा कि इससे देशभर में रहने वाले फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा सकेगा. पश्चिम बंगाल में एक करोड़ से भी ज्यादा फर्जी मतदाता हैं. ऐसी स्थिति में ऐसे सभी लोगों की पहचान के लिए मतदाता पुनरीक्षण जरूरी हो जाता है. टीएमसी ने तीन बार जीत हासिल की है. निश्चित तौर पर मुझे यह कहने में कोई दिक्कत नहीं है कि इस पार्टी ने तीन बार इन्हीं फर्जी मतदाताओं के सहारे जीत हासिल की है. जब तक पश्चिम बंगाल में मतदाता पुनरीक्षण नहीं हो जाता है, तब तक यहां पर चुनाव नहीं होना चाहिए. अब चुनाव आयोग भी इस पूरी स्थिति को समझ पा रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की अपमानजनक भाषा को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है.
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एसएचके/एबीएम
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