Next Story
Newszop

दिल्ली की मुख्यमंत्री ने 1984 के दंगा पीड़ितों के परिजनों को नियुक्ति पत्र सौंपे

Send Push

नई दिल्ली, 27 मई . काफी अर्से से लंबित न्याय दिलाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के साथ मंगलवार को 1984 के सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों के परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरी के नियुक्ति पत्र वितरित किए.

राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित समारोह में 19 व्यक्तियों को नियुक्ति पत्र दिए गए. इस पहल के तहत दंगा प्रभावित परिवारों के कुल 125 लोगों को सरकारी नौकरी दिए जाने की उम्मीद है.

कार्यक्रम के दौरान सीएम रेखा गुप्ता ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में, दिल्ली सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से प्रभावित परिवारों के 125 व्यक्तियों को नियुक्ति पत्र जारी किए हैं. हम इन परिवारों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

दंगा पीड़ितों के अधिकारों की लंबे समय से वकालत करने वाले कैबिनेट मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने न्याय के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई.

उन्होंने कहा, “आज हमारी सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को नौकरी दी है. यह ऐतिहासिक है. कांग्रेस अपने कार्यकाल के दौरान न्याय करने में विफल रही. प्रधानमंत्री मोदी ने इन परिवारों की मदद करने का वादा किया था और हम उस वादे को पूरा कर रहे हैं. 600 से अधिक नौकरियां अब भी लंबित हैं और हमने उन्हें वितरित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.”

नियुक्ति पत्र पाने वाले जसविंदर सिंह ने मिली-जुली प्रक्रिया देते हुए समाचार एजेंसी से कहा, “मैं वास्तव में खुश नहीं हूं. मुझे 46 साल की उम्र में यह नौकरी पत्र मिल रहा है. जश्न मनाने के लिए बहुत देर हो चुकी है. फिर भी, मैं सरकार के समर्थन की सराहना करता हूं.”

एक अन्य प्राप्तकर्ता, मंजीत सिंह ने सरकार का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “मैं बहुत खुश हूं. यह सरकार हमारे बारे में सोच रही है. इसके बहुत मायने हैं.”

1984 नरसंहार पीड़ित समिति के अध्यक्ष आत्मा सिंह ने नियुक्ति पत्र पाने वालों की उम्र के बारे में चिंता जताई. उन्होंने कहा, “पिछली सरकारों ने हमें नजरअंदाज किया. मैंने याचिका दायर की और जीत हासिल की. पहले 22 लोगों को नौकरी मिली थी. आज 19 और लोगों को नियुक्त किया गया. लेकिन उनमें से कई 60 साल के हैं. हमने अनुरोध किया है कि उनके बेटों या पोतों को नौकरी दी जाए, लेकिन सरकार ने इस पर सहमति नहीं जताई. हमने दिल्ली की मुख्यमंत्री से इस पर पुनर्विचार करने को कहा है.”

एससीएच/एकेजे

The post first appeared on .

Loving Newspoint? Download the app now