बरनाला (पंजाब), 12 मई . भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम के बाद बरनाला के बाजारों में फिर से रौनक लौट आई है. पिछले पांच दिनों से जिले में जारी तनाव और ब्लैकआउट के माहौल से व्यापारी और आम लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे थे.
अब युद्धविराम की खबर के बाद शहर में धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य होता नजर आ रहा है. शहर के व्यापारियों ने युद्धविराम पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब को ही होता है.
उनका मानना है कि हर मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए ताकि शांति और सौहार्द बना रहे. हालांकि, पाकिस्तान जैसे देशों को उनकी नापाक करतूतों की सजा देना भी जरूरी है.
व्यापारी कुलदीप सिंह जस्सल, जिनकी दुकान बस स्टैंड रोड के पास है, ने बताया, “युद्ध का माहौल भयावह होता है. अब लोगों में थोड़ी राहत है, लेकिन डर अभी भी बना हुआ है. किराना दुकानों पर थोड़ी रौनक है, लेकिन, बाकी बाजार अब भी खाली हैं.”
दुकानदार सुमित कुमार ने कहा, “युद्ध की वजह से प्रवासी लोग पंजाब छोड़कर वापस अपने राज्यों को लौटने लगे हैं. लोग राशन जमा कर रहे हैं, डर का माहौल अभी खत्म नहीं हुआ है. अगर युद्ध नहीं रुका होता तो हालात और खराब हो सकते थे.”
व्यापारी विजय कुमार सिंह सिंगला ने कहा, “पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद युद्ध के आसार बन गए थे, लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ, जिससे युद्ध रुका. अब लोग धीरे-धीरे बाजारों की ओर लौट रहे हैं.”
टैक्सी चालक कुलदीप सिंह ने बताया कि प्रशासन ने मॉक ड्रिल करवाई थी और लोग घरों में कैद हो गए थे. दोनों देशों के लोग भाई हैं, युद्ध दोनों तरफ के परिवारों को तोड़ देता है. युद्ध खत्म होने से काम भी बढ़ेगा और आमदनी में सुधार होगा.”
भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के बाद सीमा पर गोलीबारी रुकी हुई है, जिस वजह से सीमा के सटे लोग फिर से सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं. हालांकि, पहलगाम की आतंकी वारदात के बाद लोगों में आक्रोश भी है. लोगों का कहना है कि भारत की शांतिप्रिय नीति का फायदा बार-बार उठाया जा रहा है. अगर पाकिस्तान अपनी करतूत को नहीं रोकता है तो भारत भी जवाब देना जानता है, जैसा उसने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए दिया है.
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डीएससी/एबीएम
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