New Delhi, 4 सितंबर . गाजियाबाद के कौशांबी में एक सनसनीखेज मामले में सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट की एंटी-नारकोटिक्स सेल ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसने अपनी मंगेतर के 1 किलोग्राम पैतृक सोने की ईंट को धोखे से नकली ईंट से बदल दिया. अभियुक्त नितेश वर्मा के खिलाफ शिकायतकर्ता ने डीबीजी रोड पुलिस स्टेशन में 29 जुलाई को शिकायत दर्ज की थी.
शिकायत के अनुसार, फरवरी 2024 में सगाई के बाद अगस्त 2024 में शिकायतकर्ता के घर से 3 सोने के सेट, 4 हीरे के सेट, अंगूठियां, चूड़ियां, कड़ा और कई सोने-चांदी के सिक्के गायब हो गए थे. उस समय नितेश पर शक हुआ, लेकिन ठोस सबूत न मिलने के कारण वह इनकार करता रहा और मामला अनसुलझा रह गया. इस मामले में First Information Report नंबर 353/24 के तहत धारा 305 बीएनएस के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया. लगातार प्रयासों और तकनीकी निगरानी के जरिए पुलिस ने फरार अभियुक्त को कौशांबी, गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया.
इस मामले ने उस वक्त गंभीर मोड़ लिया जब 20 जुलाई को शिकायतकर्ता ने शादी के खर्चों के लिए नितेश को 1 किलोग्राम की पैतृक सोने की ईंट सौंपी. कुछ समय बाद, उन्हें पता चला कि यह सोने की ईंट नकली थी. पूछताछ के दौरान नितेश ने यह स्वीकार किया कि उसने असली सोने की ईंट को नकली से बदल दिया था और पहले हुई चोरी में भी उसकी भूमिका थी. जब शिकायतकर्ता ने पुलिस कार्रवाई की धमकी दी, तो नितेश ने एक सप्ताह के भीतर सोने की ईंट और आभूषणों के बराबर राशि लौटाने का वादा किया, लेकिन इसके बजाय वह फरार हो गया और अपना मोबाइल फोन बंद कर कहीं छिप गया. इस घटना के आधार पर, 29 जुलाई 2025 को एक नया मामला First Information Report नंबर 275/25, धारा 305(ए)/318(2) बीएनएस के तहत डीबीजी रोड पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया.
अपराध की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम का गठन किया, जिसमें सब-इंस्पेक्टर मोनू चौहान, सब-इंस्पेक्टर पंकज कुमार, एएसआई सुधीर, एएसआई राजीव त्यागी और हेड कांस्टेबल दिलशाद शामिल थे. इस टीम की निगरानी इंस्पेक्टर आशीष के दूबे और ओवरऑल सुपरविजन एसीपी ऑपरेशंस सुलेखा जागरवार ने की. टीम ने गहन तकनीकी निगरानी की, जिसमें कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (आईपीडीआर) का विश्लेषण शामिल था. निरंतर निगरानी और तकनीकी जानकारी की सूक्ष्म जांच ने फरार अभियुक्त का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
एंटी-नारकोटिक्स सेल ने 2 सितंबर 2025 को नितेश वर्मा को गाजियाबाद के कौशांबी में एक होटल में ट्रेस किया, जहां एक त्वरित छापेमारी के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ के दौरान, नितेश ने अपनी चोरी की गतिविधियों को कबूल किया. उसने बताया कि उसने शिकायतकर्ता के घर में अकेले होने का फायदा उठाकर सोने की ईंट को नकली से बदल दिया था. उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने सोने की ईंट को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर विभिन्न स्थानों पर बेच दिया.
नितेश ने अपराध से प्राप्त धन का उपयोग देहरादून में 42 लाख रुपए का एक प्लॉट खरीदने, अपने माता-पिता को 70-80 लाख रुपए देने (जिन्होंने बाद में देहरादून, उत्तराखंड और दिल्ली में प्लॉट खरीदे), हरिद्वार और मसूरी में संपत्ति खरीदने, साथ ही मसूरी और केरल में लग्जरी होटल में ठहरने के लिए किया.
आरोपी नितेश वर्मा (30) दिल्ली के साउथ आनंदपुरी, कृष्णा नगर का निवासी है. उसने अपनी शिक्षा केवल 10वीं कक्षा तक पूरी की है और वह पेशे से ज्वेलरी कारोबार से जुड़ा हुआ है.
इस मामले में आगे की जांच अभी जारी है.
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पीएसके
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