उज्जैन, 11 नवंबर . Tuesday को उज्जैन बाबा महाकाल के दरबार में भक्तों को बाबा के दिव्य दर्शन देखने को मिले.
अगहन मास कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर Tuesday सुबह बाबा महाकाल ने त्रिपुंड और माथे पर चंद्रमा के साथ भक्तों को अद्भुत दर्शन दिए. बाबा का मनमोहक रूप देखकर भक्तों ने भी बाबा महाकाल के जयकारे लगाए और देर रात से ही श्रद्धालु बाबा की भस्म आरती का हिस्सा बनने के लिए लाइन में लगे दिखे.
अगहन मास कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर सुबह 4 बजे भस्म आरती के लिए पट खुलने के बाद पुजारियों ने भगवान महाकाल का दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से पंचामृत अभिषेक किया और भस्म आरती की. महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से शिवलिंग पर भस्म अर्पित की जाती है, जिसमें बाबा भक्तों को निराकार रूप में दर्शन देते हैं. भस्म आरती के बाद बाबा का चंदन से शृंगार किया गया और माथे पर चंद्रमा सुसज्जित किया गया और नवीन मुकुट पहनाकर बाबा पर फूलों पर माला अर्पित की गई.
शृंगार के बाद बाबा निराकार से साकार रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं. बाबा का चंदन रजत रूप देखने के लिए भक्तों ने लाइन लगाकर दर्शन किए और पूरा मंदिर बाबा के जयकारों से गूंज उठा.
बता दें कि भस्म आरती का हिस्सा बनने के लिए भक्तों को पहले ही ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होता है और इस दिन भस्म आरती के लिए नंबर या टोकन मिलता है और भक्त उसी दिन दर्शन के लिए आते हैं. पंजीकरण के लिए मंदिर द्वारा निर्धारित शुल्क भी देना होता है.
भस्म आरती का हिस्सा बनने के लिए दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं. माना जाता है कि महाकाल की आराधना से कालदोष, ग्रहदोष और अकाल मृत्यु का भय दूर होता है. साथ ही अगर राहु-केतु के दोष परेशान कर रहे हैं तो भी भक्तों को मंदिर में अनुष्ठान और पूजा-पाठ के लिए जरूर आना चाहिए. बता दें कि महाकाल की पूरे दिन में 6 बार आरती होती है और 6 आरतियों का अपना अलग महत्व होता है.
–
पीएस/एएस
You may also like

फरीदाबाद में लगातार दूसरे दिन बड़ी कार्रवाई, 50 किलो से अधिक विस्फोटक बरामद, दो गिरफ्तार

लाल किला बम ब्लास्ट मामले की जांच एनआईए को सौंपी

12 November 2025 Rashifal: इन जातकों के पैसों और सम्मान में होगा इजाफा, इनके लिए भी अच्छा रहेगा दिन

दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए लोगों के परिजनों ने किया प्रदर्शन, मुआवजे की मांग

चश्मदीदों ने सुनाई कार ब्लास्ट की आपबीती, पल भर में बदल गया माहौल




