New Delhi, 31 अगस्त . Prime Minister Narendra Modi ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 125वें एपिसोड में अमेरिका के मशहूर पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन का जिक्र किया. इसके जरिए पीएम मोदी ने बताया कि कैसे अच्छी तरह से देखभाल के की गई रिसर्च से देश और समाज को नई राह मिलती है.
पीएम मोदी ने बताया, ”बीते दिनों मैं कुछ पॉडकास्ट में शामिल हुआ था. ऐसा ही एक पॉडकास्ट दुनिया के बहुत फेमस पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ हुआ था. उस पॉडकास्ट में बहुत सारी बातें हुईं और दुनिया-भर के लोगों ने उसे सुना भी और जब पॉडकास्ट पर बात हो रही थी, तो बातों-बातों में ऐसे ही मैंने एक विषय उठाया था.”
पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने पॉडकास्ट में भारत की युवा प्रतिभाओं और खासतौर पर Madhya Pradesh के शहडोल जिले के फुटबॉल खिलाड़ियों का उल्लेख किया था. इस बातचीत का असर इतना गहरा हुआ कि जर्मनी के एक कोच, डाइटमार बेयर्सडॉर्फर, ने शहडोल के खिलाड़ियों को अपनी फुटबॉल अकादमी में प्रशिक्षण देने की पेशकश की है.
लेक्स फ्रिडमैन का नाम भारत में भले अब लोगों के बीच नया हो, लेकिन वैश्विक स्तर पर वह एक जानी-मानी हस्ती हैं. लेक्स फ्रिडमैन अमेरिका में रहने वाले एक मशहूर कंप्यूटर वैज्ञानिक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के रिसर्चर और पॉडकास्टर हैं. उन्होंने 2018 में ‘लेक्स फ्रिडमैन पॉडकास्ट’ शुरू किया था, जिसमें वह विज्ञान, तकनीक, इतिहास, राजनीति और मानव जीवन से जुड़े गहरे विषयों पर चर्चा करते हैं. खास बात यह है कि उनके पॉडकास्ट में अब तक कई बड़ी वैश्विक हस्तियां शामिल हो चुकी हैं. इनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क, अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की जैसे नाम शामिल हैं.
लेक्स फ्रिडमैन का जन्म रूस में हुआ था, लेकिन वे अमेरिका में पले-बढ़े और वहीं अपनी पढ़ाई पूरी की. उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और बाद में वहीं एआई और रोबोटिक्स के क्षेत्र में रिसर्च करना शुरू किया. उनका काम खासतौर पर मशीन लर्निंग और मानव व्यवहार के आपसी संबंधों को समझने पर केंद्रित रहा है. पॉडकास्टिंग में भी वह इसी गहराई और गंभीरता को लेकर आते हैं. वह जटिल से जटिल विषयों को आसान भाषा में समझाने की कोशिश करते हैं और यही वजह है कि दुनिया भर में उनके श्रोताओं की संख्या लाखों में है.
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पीके/केआर
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