नई दिल्ली, 25 मई . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 122वें एपिसोड में स्वच्छ भारत अभियान का जिक्र किया. पीएम मोदी ने भरोसे के साथ कहा कि उन्हें विश्वास है कि सभी लोग इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “स्वच्छ भारत की बात हो और ‘मन की बात’ के श्रोता पीछे रहें, ऐसा कैसे हो सकता है भला? मुझे पूरा विश्वास है कि आप सब अपने-अपने स्तर पर इस अभियान को मजबूती दे रहे हैं. लेकिन आज मैं आपको एक ऐसी मिसाल के बारे में बताना चाहता हूं जहां स्वच्छता के संकल्प ने पहाड़ जैसी चुनौतियों को भी मात दे दी. आप सोचिए, कोई व्यक्ति बर्फीली पहाड़ियों पर चढ़ाई कर रहा हो, जहां सांस लेना मुश्किल हो, कदम-कदम पर जान को खतरा हो और फिर भी वो व्यक्ति वहां सफाई में जुटा हो. ऐसा ही कुछ किया है, हमारी आईटीबीपी टीम के सदस्यों ने. ये टीम माउंट मकालू जैसे, विश्व की सबसे कठिन चोटी पर चढ़ाई के लिए गई थी.”
आईटीबीपी की जिजीविषा की तारीफ करते हुए उन्होंने आगे कहा, “लेकिन, उन्होंने सिर्फ पर्वतारोहण नहीं किया, उन्होंने अपने लक्ष्य में एक मिशन और जोड़ा ‘स्वच्छता’ का. चोटी के पास जो कचरा पड़ा था, उन्होंने उसे हटाने का बीड़ा उठाया. आप कल्पना कीजिए, 150 किलो से ज्यादा गैर-जैविक अपशिष्ट इस टीम के सदस्य अपने साथ नीचे लाए. इतनी ऊंचाई पर सफाई करना कोई आसान काम नहीं है. लेकिन यह दिखाता है कि जहां संकल्प होता है, वहां रास्ते अपने आप बन जाते हैं. साथियों, इसी से जुड़ा एक और जरूरी विषय है – कागज अपशिष्ट और रीसाइक्लिंग. हमारे घरों और दफ्तरों में हर दिन बहुत सारा पेपर वेस्ट निकलता है. शायद, हम इसे सामान्य मानते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी, देश के लैंडफिल अपशिष्ट का लगभग एक चौथाई हिस्सा कागज से जुड़ा होता है.”
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कुछ स्टार्ट-अप के अभूतपूर्व कार्यों के बारे में बताया. बोले, “आज जरूरत है, हर व्यक्ति इस दिशा में जरूर सोचे. मुझे ये जानकर अच्छा लगा कि भारत के कई स्टार्टअप्स इस सेक्टर में शानदार काम कर रहे हैं. विशाखापत्तनम, गुरुग्राम जैसे कई शहरों में कई स्टार्टअप पेपर रिसाइक्लिंग के नए तरीके अपना रहे हैं. कोई रिसाइकिल पेपर से पैकेजिंग बोर्ड बना रहा है, कोई डिजिटल तरीकों से समाचार पत्र पुनर्चक्रण को आसान बना रहा है. जालना जैसे शहरों में कुछ स्टार्ट-अप 100 प्रतिशत पुनर्नवीनीकरण सामग्री से पैकेजिंग रोल और पेपर कोर बना रहे हैं. आप ये भी जानकर प्रेरित होंगे, एक टन कागज की रिसाइक्लिंग से 17 पेड़ कटने से बचते हैं और हजारों लीटर पानी की बचत होती है.”
प्रधानमंत्री ने लोगों को पर्वतारोहियों के अदम्य साहस और समर्पण का किस्सा सुना कर लोगों से अपील की कि वो भी रिसाइक्लिंग के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करें. उन्होंने कहा, “अब सोचिए, जब पर्वतारोही इतने कठिन हालात में कचरा वापस ला सकते हैं तो हमें भी अपने घर या दफ्तर में पेपर को अलग करके पुनर्चक्रण में अपना योगदान जरूर देना चाहिए. जब देश का हर नागरिक ये सोचेगा कि देश के लिए मैं क्या बेहतर कर सकता हूं, तभी मिलकर, हम, बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं.”
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डीकेएम/केआर
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