एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत की शानदार जीत के बाद ट्रॉफी को लेकर विवाद ने सभी का ध्यान खींचा। एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के प्रमुख मोहसिन नकवी ने भारतीय खिलाड़ियों को ट्रॉफी देने की कोशिश की, लेकिन कप्तान सूर्यकुमार यादव ने इसे ठुकरा दिया। विवाद बढ़ने पर नकवी मैदान से गायब हो गए और बाद में भारत से माफी मांगनी पड़ी।
फाइनल में ट्रॉफी विवाद ने न केवल भारत बल्कि पूरी क्रिकेट दुनिया को चौंका दिया। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और उनकी टीम ने नकवी से ट्रॉफी लेने से साफ मना कर दिया, जिसके बाद नकवी की किरकिरी शुरू हो गई। अंततः, इस विवाद के बाद नकवी ने भारत से माफी मांगी।
कैसे शुरू हुआ ट्रॉफी विवाद?
भारत और पाकिस्तान के बीच दुबई में खेले गए फाइनल में भारत ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। मैच के बाद प्रेजेंटेशन समारोह के दौरान विवाद उत्पन्न हुआ। भारतीय टीम ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि कप्तान सूर्यकुमार यादव किसी भी स्थिति में नकवी से ट्रॉफी नहीं लेंगे। इसके बावजूद, नकवी ने ट्रॉफी देने की कोशिश की, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। भारतीय खिलाड़ी बिना ट्रॉफी के ही जश्न मनाने लगे।
नकवी की हरकत से नाराजगी
फाइनल के बाद जब नकवी ट्रॉफी लेकर खड़े रहे, तो खिलाड़ियों और दर्शकों की नजरें उन पर टिक गईं। भारतीय टीम ने ट्रॉफी लेने से मना कर दिया, जिससे नकवी अलग-थलग पड़ गए। इसके बाद उन्होंने ट्रॉफी और मेडल अपने लोगों को देकर मैदान से बाहर चले गए। यह दृश्य पूरी दुनिया ने देखा और सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना शुरू हो गई। पाकिस्तान में भी फैंस और पूर्व खिलाड़ियों ने उनकी इस हरकत को शर्मनाक बताया।
हालांकि, भारतीय खिलाड़ियों का जश्न फीका नहीं पड़ा। कप्तान सूर्यकुमार यादव और उनकी टीम ने बिना ट्रॉफी के ही जीत का जश्न मनाया। खिलाड़ियों ने मैदान में झंडे लहराए और फैंस के साथ खुशी साझा की। इस दौरान स्टेडियम में नकवी और पाकिस्तान टीम के खिलाफ हूटिंग हुई। दर्शक लगातार 'इंडिया-इंडिया' के नारे लगा रहे थे। यह स्पष्ट था कि खिलाड़ियों के लिए असली ट्रॉफी उनकी जीत की खुशी थी।
BCCI और ACC की प्रतिक्रिया
नकवी की हरकत का असर प्रशासनिक स्तर पर भी देखने को मिला। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कहा कि एसीसी की अगली बैठक में नकवी को जवाब देना होगा। ट्रॉफी और मेडल को अपने होटल ले जाना प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन माना गया। एसीसी के नियमों के अनुसार, ट्रॉफी सीधे एसीसी ऑफिस में जानी चाहिए थी, लेकिन नकवी ने इसे निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश की। इस घटना ने उनके अध्यक्ष पद पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
माफी के बावजूद विवाद जारी
लगातार आलोचना और दबाव के बाद मोहसिन नकवी ने भारत और एसीसी से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि उनका इरादा भारतीय खिलाड़ियों को आहत करने का नहीं था। हालांकि, माफी के बावजूद विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। भारतीय क्रिकेट जगत ने कहा है कि ऐसी हरकतें एशियन क्रिकेट की साख को नुकसान पहुंचाती हैं। कई पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि नकवी को एसीसी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहिए।
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