अयोध्या। हाल ही में अयोध्या में एक दलित लड़की के साथ हुई दुष्कर्म की घटना में शामिल तीन व्यक्तियों को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया। आरोपियों में दिग्विजय सिंह उर्फ बाबा, हरिराम कोरी और विजय साहू शामिल हैं, जिन्होंने अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है।
आरोपियों के बयानों ने पुलिस को भी चौंका दिया।
नशे में किया गया अपराध मुख्य आरोपी दिग्विजय सिंह ने पुलिस को बताया कि उन्होंने लड़की को खेत में दौड़ाकर पकड़ लिया और उसके मुँह में दुपट्टा ठूंस दिया। उसने विरोध किया, जिसके चलते गुस्से में उन्होंने उसके सिर पर डंडा मारा। उन्हें यह समझने में देर लगी कि लड़की की मौत हो चुकी है। उन्होंने एक घंटे तक उसके साथ बर्बरता की।
लाश को फेंकने की योजना आरोपी ने कहा कि गांव में कथा चल रही थी, जिससे किसी को घटना का पता नहीं चला। उन्होंने पहले लड़की के शव को टेक्निकल डिग्री कॉलेज के बाहर बने टॉयलेट में रखा और फिर उसे सूखी नहर में फेंक दिया। उन्होंने उसके हाथ-पैर को पेड़ की लताओं से बांध दिया और फिर अपने-अपने घर चले गए।
घटना का संक्षिप्त विवरण अयोध्या में आरोपियों ने लड़की के हाथ-पैर तोड़ दिए और उसकी आंखें फोड़ दीं। इसके अलावा, उसके प्राइवेट पार्ट में डंडा डालने का भी आरोप है। परिवार का कहना है कि उनकी 22 वर्षीय बेटी 30 जनवरी की रात को भागवत सुनने गई थी, लेकिन जब वह रात 11 बजे तक घर नहीं लौटी, तो परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की।
परिजनों की शिकायत परिवार का कहना है कि पुलिस ने उनकी मदद नहीं की। शनिवार सुबह उन्हें नाले में लड़की का शव मिला, जिस पर कोई कपड़ा नहीं था। परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी के साथ अत्यंत बर्बरता की गई थी।
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