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नक्सली कमांडर चलपति का अंत: सुरक्षाबलों ने किया ढेर

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सुरक्षाबलों का सफल ऑपरेशन

ओडिशा और छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में सुरक्षाबलों के संयुक्त ऑपरेशन में 1 करोड़ के इनामी नक्सली जयाराम उर्फ चलपति को मार गिराया गया है। चलपति ओडिशा और आंध्र प्रदेश में नक्सल गतिविधियों का संचालन कर रहा था।


चलपति की पहचान और नक्सल आंदोलन में भूमिका

चलपति को नक्सल आंदोलन में तकनीक प्रेमी के रूप में जाना जाता था। वह पहले बड़े नक्सली थे, जो अपनी पत्नी के साथ जंगल में रहते थे। पिछले 6 वर्षों में नक्सल हमलों की बढ़ती घटनाओं के कारण सरकार ने चलपति पर इनाम बढ़ाकर 1 करोड़ कर दिया था।


जीवन और शिक्षा

जयाराम उर्फ चलपति का जन्म आंध्र प्रदेश के चिंत्तूर जिले के माटेमपल्ली में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही प्राप्त की और 1990 के दशक में माओवादी आंदोलन से जुड़े। पढ़ाई के कारण उन्हें सेंट्रल कमेटी का सदस्य बनाया गया।


तकनीक में रुचि

चलपति नक्सल गतिविधियों की योजना बनाने में माहिर थे। उन्हें नई तकनीकों की जानकारी थी और वह अपने साथियों को भी तकनीक के बारे में शिक्षित करते थे। वरिष्ठ पत्रकार टीएस सुधीर ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात चलपति से 2001 में हुई थी।


व्यक्तिगत जीवन

चलपति ने 2000 के आसपास नक्सली नेता अरुणा से विवाह किया। उनकी शादी लगभग 16 वर्षों तक चली, जिसमें कई बार सरेंडर करने की खबरें आईं, लेकिन दोनों ने नक्सल आंदोलन में रहकर अपने वैवाहिक जीवन को जारी रखा।


पुलिस की रडार पर आना

2016 में आंध्र प्रदेश पुलिस ने एक नक्सली को गिरफ्तार किया, जिसके लैपटॉप में चलपति और उसकी पत्नी की तस्वीर मिली। इस तस्वीर के बाद से चलपति सुरक्षाबलों के निशाने पर आ गया। अरुणा की मौत के 8 साल बाद अब चलपति भी मारा गया।


इनाम में वृद्धि

2018 में चलपति पर 20 लाख का इनाम था, जो अब 1 करोड़ तक पहुंच गया है। पिछले 6 वर्षों में चलपति के मरने की कई बार खबरें आईं, लेकिन वह हर बार बच निकलता था। हालाँकि, इस बार वह सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में फंस गया।


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