पानी केवल प्यास बुझाने का साधन नहीं है, बल्कि यह शरीर में आवश्यक मिनरल्स का संचार भी करता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। लेकिन जब पानी ही दूषित हो, तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। हाल ही में ग्रेटर नोएडा वेस्ट की एक सोसाइटी में लगभग 400 लोग दूषित पानी पीने के कारण बीमार पड़ गए। इस स्थिति के कारण कई लोग डायरिया, बुखार और उल्टी जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं। जांच में पाया गया कि पानी में ई-कोली बैक्टीरिया मौजूद है, जो O-157:H7 प्रकार का है और आंतों में संक्रमण का कारण बनता है।
ई-कोली बैक्टीरिया का खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, ई-कोली बैक्टीरिया आंतों और मूत्रमार्ग में संक्रमण उत्पन्न कर सकता है। यह बिना किसी दर्द के आंत में रह सकता है और यदि समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह गंभीर दस्त का कारण बन सकता है। संक्रमण बढ़ने पर सेप्सिस और मल्टी ऑर्गन फेलियर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
ई-कोली बैक्टीरिया का फैलाव
यह बैक्टीरिया मुंह, मल मार्ग, संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क, दूषित सतहों, कच्चे मांस और पीने के पानी में सीवेज के मिलन से फैलता है। यह सीधे पाचन तंत्र को प्रभावित करता है। इससे बचने के लिए पानी और भोजन की स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है।
ई-कोली बैक्टीरिया से सुरक्षा के उपाय
घर की सफाई पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। पानी की टंकी या आरओ को नियमित रूप से साफ करें और पानी को लंबे समय तक जमा न होने दें। अच्छी स्वच्छता, भोजन को अच्छी तरह से पकाना और साफ पानी का उपयोग करना ई-कोली संक्रमण को रोकने के लिए महत्वपूर्ण उपाय हैं।
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